अंतरराज्यीय गिरोह मोंगिया गैंग के आठ बदमाश चढ़े पुलिस के हत्थे

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मध्यप्रदेश के दतिया जिले के रहने वाले हैं मोंगिया गैंग के सभी आरोपी।

लालगंज (रायबरेली) , कोतवाली पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी। कस्बे में हुई ताबड़तोड़ चोरियों और टप्पेबाजी के मामले में पुलिस टीम ने अंतर्राज्यीय गिरोह के आठ सदस्यों को गिरफ्तार किया। पुलिस को आरोपियों के पास चोरी किए गए सोने चांदी के जेवरात, नगदी व दो बाइकें व तमंचे बरामद हुए। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया है। गत दिनों 31 अगस्त की रात को सैमसी गांव में इन्हीं बदमाशों ने डकैती डाली थी। महिला व उसके बच्चों को बंधक बनाकर तमंचे की दम पर लाखों रुपए कीमत के जेवरात व करीब तीन हजार रुपए लूट लिए थे। इसके अलावा 19 सितंबर को कस्बे में सेमरपहा निवासी परचून दुकानदार का रुपयों से भरा बैग भी इन्हीं बदमाशों ने पार कर दिया था। सीसीटीवी कैमरे और मोबाइल लोकेशन के आधार पर पुलिस टीमों ने छानबीन शुरू की। टेक्निकल सर्विलांस और मुखबिरों के जरिए पुलिस टीमों को आरोपियों को पकड़ने में मदद मिली और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।

पकड़े गए लोगों में अभिषेक मोगिया, राजीव मोगिया, कोहिनूर मोगिया, गुल्लू, नितीश मोगिया, सुजीत, इकू व जीतू मोगिया निवासी प्रकाश नगर थाना देहात जनपद दतिया मध्यप्रदेश के रहने वाले हैं। पुलिस ने बताया कि पकड़े गए सभी बदमाश शातिर मोगिया (पादरी) चोर गैंग के सदस्य हैं। वर्तमान में करीब पांच माह से यह लोग उन्नाव जिले के बाईपास पर बने ओवर ब्रिज के नीचे डेरा डालकर रह रहे थे। घटनाओं को अंजाम देने के बाद बदमाश अपने डेरों में लौटकर पनाह ले लेते थे। यह लोग उन्नाव के अलावा हरदोई और रायबरेली जनपद में अलग-अलग जगहों में चोरी की घटनाओं को अंजाम दे चुके हैं। हरदोई पुलिस भी इन बदमाशों की तलाश कर रही थी, लेकिन उससे पहले ही एसओजी व लालगंज की पुलिस टीम ने गैंग के सदस्यों को दबोच लिया। बदमाशों ने बछरावां, गदागंज, सरेनी व सलोन में हुई चोरी की घटनाओं में शामिल होने की बात कबूल की है।

चूड़ी बेचने के बहाने चोर व उनके घर की महिलाएं करती थी घरों की रेकी।

शातिर चोर गैंग के सदस्य घर की महिलाओं की भी मदद लेते थे। पुलिस की पूछताछ में पकड़े गए बदमाशों ने बताया कि दिन में वे व उनके घरों की महिलाएं घूम-घूम कर चूड़ियां बेचने का काम करते थे। इसी दरमियान बदमाश बाइक से घरों की रेकी कर लेते थे। जिसके बाद रात में उन्ही घरों को अपना निशाना बनाते थे, जिन घरों में कोई नहीं होता था या घर में सदस्यों की संख्या बेहद कम रहती थी। इसके अलावा चलते-फिरते भी वह किसी का भी सामान लेकर भाग जाते थे।

रिपोर्ट – संदीप कुमार फिजा

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