रायबरेली : राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में कार्यरत एक प्रिंसिपल पर संस्थान में कार्यरत फोरमेन के परिजनों को मानसिक रूप से परेशान करने का आरोप लगा है। पीड़ित युवती ने कहा है कि उसे पिता की सर्विस बुक के लिये कई दिनों से दौड़ाया जा रहा है। कुछ भी पूछने पर उससे व उनकी बुजुर्ग मां से प्रिंसिपल अभद्रता करता है। यही नहीं जब समस्या मीडिया को बताया गया तो मौके पर पहुंचे मीडिया कर्मियों से भी प्रिंसिपल ने बदसलूकी करना शुरू कर दिया। पीड़ित महिला ने शिकायत पत्र जिलाधिकारी हर्षिता माथुर को सौंप कर न्याय की मांग की है।
शहर कोतवाली के राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान गोरा बाजार में प्रमोशन पा चुके अपने पिता की सर्विस बुक के लिये कई दिनों से प्रियंका दिक्षित चक्कर काट रही हैं। प्रियंका दीक्षित ने आईटीआई के प्रिंसिपल अवधेश कुमार श्रीवास्तव पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। प्रियंका दीक्षित ने बताया कि उनके पिता सुरेश कुमार दीक्षित आईटीआई रायबरेली में फोरमेन के पद पर कार्यरत थे। 7 फरवरी 2024 को उनका प्रमोशन प्रधानाचार्य के पद पर मानिकपुर में हो गया। 12 फरवरी को उन्होंने कार्यभार भी ग्रहण कर लिया। उसके बाद उन्हें आईटीआई के प्रिंसिपल द्वारा सर्विस बुक नहीं भेजी गई। इसके अलावा प्रशिक्षण के लिए लगाए गए वाशिंग मशीन को जबरन अपने घर में प्रिंसिपल ने लगा लिया और उसे भी अभी तक उपलब्ध नहीं कराया गया । इसके अलावा अप्रेंटिस रूम को रात को 9:00 बजे प्रधानाचार्य ने कमरे में चाबी लगा दी और सामान भी गायब करवा दिया। यह सब करने की उनकी मंशा उनके पिताजी की सर्विस को नुकसान पहुंचाना है। क्योंकि इसी 31 मार्च को उनके पिताजी की रिटायरमेंट है।
प्रियंका दीक्षित ने अभी बताया कि उनकी माताजी की चिकित्सा प्रतिपूर्ति जो की 1 लाख 14 हजार रुपए है जो 4 साल से बाकी है उसे भी प्रधानाचार्य नहीं दे रहे हैं। साथ ही कई बार बिना किसी कारण के उनके पिताजी का वेतन भी काटा गया है।। इन सब बातों से परेशान होकर वे आज प्रिंसिपल से मिलने पहुंची थी। साथ ही वहां पर उनकी समस्या को सुनने के लिए मीडिया कर्मी भी आए थे। प्रिंसिपल अवधेश कुमार श्रीवास्तव ने मामले की गंभीरता को ना समझते हुए मीडिया कर्मियों व उनसे ही अभद्रता करने लगे। इसके उपरांत वे आज शिकायत पत्र लेकर जिलाधिकारी के पास पहुंची हैं और इस मामले की जांच करके न्याय की उम्मीद जताई है। उन्होंने यह भी बताया कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला तो उनके पिताजी कि भविष्य में आने वाली पेंशन खतरे में पड़ सकती है।
अनुज मौर्य/विक्रम सिंह रिपोर्ट