पहले भी जलाई गई थी लाखों रुपए कीमत की जीवन रक्षक दवाएं।
लालगंज (रायबरेली) , सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में बुधवार की देर रात को चोरी छुपे जीवन रक्षक दवाएं जलाने का मामला एक बार फिर प्रकाश में आया है। मिली जानकारी के अनुसार सीएचसी परिसर में बन रहे निर्माणाधीन भवन के पीछे रात के अंधेरे में चोरी छुपे मंहगी सरकारी दवाएं जलाई जा रही थी, जिनमें कई दवाओं की एक्सपायरी 2025 तक थी। वहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने इसे साजिश बताया और शरारती तत्वों पर दवाएं जलाकर सीएचसी परिसर में फेंकने का दावा किया है। रात करीब साढ़े दस बजे परिसर में दवाएं जलाई जा रही थी। किसी ने इसकी सूचना किसान नेता रमेश बहादुर सिंह को दे दी।
जानकारी मिलने पर किसान नेता मौके पर पहुंचकर तत्काल जलती दवाओं को बुझवाया, देखा कि कई अधजली दवाएं ऐसी भी थी जिनका बाजार मूल्य बहुत अधिक है और वह खराब भी नहीं हुई थी। उन्होंने घटना के संबंध में आलाधिकारियों को फोन कर जानकारी देने का प्रयास किया। कई बार फोन मिलाने पर के जब स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने फोन नहीं उठाया तो डीएम को फोन कर घटना की जानकारी दी। डीएम हर्षिता माथुर ने मामले को संज्ञान में लेने का आश्वासन दिया। जलाई जा रही दवाओं को सील कराकर डॉ. प्रियंका व डॉ. सत्यजीत सिंह को सुपुर्द किया गया।
किसान नेता रमेश सिंह ने कहा यदि मामले में किसी भी प्रकार की ठोस कार्यवाही नहीं होती है तो वह धरने पर बैठेंगे। गरीबों के लिए दवाएं जिस प्रकार सरकार व्यवस्था करती है। डॉक्टर उन दवावों को जलाकर बाहर से दवाएं लिखने का काम करते हैं। जिससे आम नागरिक पूरी तरीके से लुटता और परेशान होता है। ऐसे भ्रष्टाचारी डॉक्टरों पर कठोरतम कार्यवाही होनी चाहिए। सीएमओ डॉ. वीरेंद्र सिंह ने सरकारी दावों के जलाए जाने से इनकार करते हुए कहा कि साजिशन दवाओं को जलाकर परिसर में फेंका गया। फिलहाल प्रकरण की जांच के लिए तीन सदस्यों की टीम गठित की गई है।
रिपोर्ट- संदीप कुमार फिजा
आखिर फिर सरकारी दवाएं चोरी से जलाने का वीडियो वायरल
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