एनकाउंटर या मर्डर

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पत्रकारवार्ता

भालचंद्र की मौत का रहस्य सीबीआई सुलझाएः नीलांशु चतुर्वेदी

  • सुप्रीम कोर्ट ने मामले को हाईकोर्ट भेजा
  • -बीती 31 मार्च को यूपी पुलिस व एसटीएफ ने किया था सतना जिले के गांव पडवनियां के भालचंद्र का इनकाउंटर

धर्मक्षेत्र। ठोको पुलिस ने निरपराध को डकैत बनाकर ठोक दिया। भाल चंद्र की हत्या का सच सामने लाने के लिए लड़ाई अंतिम दम तक पूरे जोर के साथ लडूंगा। योगी जी को चाहिए कि इस मामले को संज्ञान में लेकर सीबीआई से जांच कराकर दूध का दूध और पानी का पानी कर दें। यह बातें चित्रकूट विधानसभा के गांव पड़वनिया के निवासी भालचंद्र के यूपी पुलिस व इन्काउंटर का सच लाने में लगे विधायक नीलांशु ने पत्रकारों से मंदाकिनी रिसार्ट में कहीं।

उन्होंने कहा कि जो अपराधी है, उसे सजा मिलनी चाहिए। लेकिन जिसे पुलिस जबरन अपराधी बताकर हत्या कर रही है, उसकी जांच भी होनी चाहिए और दोषी पुलिस कर्मियों को सजा मिलनी चाहिए।

उन्होंने बताया कि बीते 31मार्च को भालचन्द्र यादव निवासी ग्राम पड़वनिया थाना मझगवां सतना मप्र की उत्तर प्रदेश पुलिस व यू.पी. एस.टी.एफ. ने मुठभेड के नाम पर निर्मम कर दी थी। इतना ही नहीं पुलिस द्वारा परिजनों को शव भी नहीं दिया जा रहा था। मृतक का अंतिम संस्कार भी पुलिस बिना परिजनों के करने की तैयारी कर रही थी। चूंकि ग्राम पंचायत पडवनिया हमारेे विधानसभा क्षेत्र में आती है। मामले की गंभीरता को देखते हुए मौके में पहुंचकर परिजनों को शव दिलवाया और शव की हालत देखकर ऐसा प्रतीत हुआ कि मृतक के साथ बर्बरता के बाद फिर उसकी निर्मम हत्या की गई है। शरीर के उपरी भाग ही नही शरीर के प्राइवेट भाग में भी गम्भीर चोटे थी। परिजनों की व्यथा एवं तराई के गांवों में पुलिस की इस कार्यवाही के बाद फैले इस फर्जी एनकाउण्टर की दहशत से लोगों में भय व्याप्त हो गया जिससे लोग पलायन की बात करने लगे।

जब मृतक भालचन्द्र यादव के बारे में जानकारी ली, तो मालूम चला कि मृतक भालचन्द्र की पत्नी पति के गायब होने की घटना की एफ.आई.आर दर्ज करवाने के लिए लगातार भटकती रही लेकिन उसकी एफ. आईआर दर्ज नहीं की गई। पुलिस द्वारा की गई इस घटना से भालचन्द्र के गांव एवं आसपास के क्षेत्रों में भय एवं दहशत का माहौल व्याप्त समझ में आ रहा था। इस मामले को संज्ञान में लेकर उच्चतम न्यायालय के समक्ष एक जनहित याचिका सी.बीई.आई जांच के लिए दायर की गई। वैश्विक महामारी के चलते न्यायमूर्ति की पीठ उपलब्ध नहीं हो पा रही थी।

कोराना के घीमें पड़ने के बाद उच्चतम न्यायालय ने शुरुवात में ही सुनवाई के दौरान मौखिक रूप से कहा कि बहुत ही गम्भीर विषय है। उच्चतम न्यायालय ने यह प्रस्तावित किया कि याची को पहले उच्च न्यायालय के समझ न्याय की प्रार्थना करनी चाहिए तब उच्चतम न्यायालय आये तो बेहतर होता उच्चतम न्यायालय की इस इच्छा का सम्मान करते हुए उच्च न्यायालय इलाहाबाद में जनहित याचिका दायर की। सोमवार को उच्च न्यायालय इलाहाबाद के समक्ष याचिका दायर कर दी है। उच्च न्यायालय से बस यही अनुरोध है कि भालचन्द्र यादव के हत्यारों के खिलाफ जल्द से जल्द एवं कड़ी से कड़ी सजा सुनाई जाए जिससे की मेरे विधानसभा क्षेत्र ही नहीं अपितु तराई एवं अन्य पिछड़े क्षेत्रों पर जहां कुछ पुलिस कर्मियों की धरता चलते पुलिस की छवि खराब हुई पुनः प्रतिष्ठित हो सके और आम जनता अपने आप को सुरक्षित महसूस करते हुये जनता पुलिस व कानून के प्रति विश्वास कायम रहे। उन्होंने कहा कि अगर इस मामले की सीबीआई जांच हो जाए तो मामला अपने आप साफ हो जाएगा।

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