करसड़ा मुसहरो का ढहाया घर तो न्याय के लिए चौथे दिन किया सत्याग्रह

6

जिलाधिकारी को मौक़े पर पहुँच कर न्याय दिलाने की माँग रखी,

वाराणसी रोहनिया – थाना क्षेत्र के करसड़ा गांव में बीते शुक्रवार को मुसहर परिवारों का घर राजस्व विभाग ने ढहवा दिया था। आरोप है कि खाद्य सामग्री और सामान नष्ट कर दिए गए। अब तक मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने समस्या के समाधान नहीं किया।

प्रशासन की अचानक हुई कार्रवाई के कारण यहां 13 परिवारों के लगभग 60 से ज्यादा बच्चे-बूढ़े, पुरुष और महिलाएं बेघर होकर खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर हो गए। सोमवार को पीड़ित परिवार की महिलाएं, बच्चे और पुरुष करसड़ा गांव में जिलाधिकारी से मिलने के लिए सत्याग्रह कर मौक़े पर पहुँच कर समस्या के समाधान कराने की माँग रखी है। पीड़ितों ने कहा कि समस्या का समाधान नहीं हुआ तो हम आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे।

ढहा दी गई अपनी पाठशाला

करसड़ा स्थित बनवासी बस्ती के बीएचयू के पास छात्रों द्वारा दिवि फ़ाउंडेशन की तरफ से बनवासी बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल बना था। बस्ती के लोगों का आरोप है कि उनकी पुस्तैनी जमीन पर स्कूल होने के बाद भी ढहा दिया गया।जबकि बस्ती के लगभग 25 से अधिक बच्चे यहां पढ़ते थे। शिक्षक दिवस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन पर यहां संस्था और विधायक रोहनिया सुरेन्द्र नारायण सिंह की तरफ से कपड़े, पठन पाठन सामग्री और मिठाई भी बांटी गई थी। संस्था के बीरभद्र सिंह ने बताया कि हमलोग बच्चों को निःशुल्क पढ़ाते हैं ताकि इनका भविष्य बन जाय लेकिन कानून की धज्जियां उड़ाते हुए इनके साथ अन्याय हुआ है।

विधायक ने बस्ती में कराई थी बिजली की व्यवस्था

बस्ती के लोगों की समस्या को देखते हुए अपनी पाठशाला के बच्चे रोहनिया विधायक सुरेन्द्र नारायण से मिले। विधायक ने अधिकारियों से बात करके बस्ती में बिजली की व्यवस्था कराई थी।

प्रधान और राजस्व अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप

बस्ती के बुद्धू मुसहर और राजेश ने कहा कि जिस जमीन पर घर बना था उसका बाकायादा सट्‌टा इकरारनामा हुआ है। हमें बिजली का कनेक्शन दिया गया और अन्य सुविधाएं मिली। करसड़ा गांव के प्रधान, स्थानीय लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और भूमाफिया हम मुसहरों को कमजोर समझ कर बेघर कर दिए हैं। क्या ऐसे किसी का मकान ढहाया जाता है और सामान निकाल कर फेंक दिया जाता है। शुक्रवार की रात जिलाधिकारी से मिलने जा रहे थे उनसे भी नहीं मिलने दिया गया। अब शुक्रवार की रात से ही खुले आसमान के नीचे हमारे बच्चों के खाने और रहने का ठिकाना नही है। घटना के तीन दिन बाद भी समस्या का समाधान नहीं होने पर पीड़ितों ने सत्याग्रह कर सामाजिक संगठनों के छह सदस्यीय समिति बनाकर मौक़े पर ज़िलाधिकारी को आने की माँग रखी है। समिति में सर्व श्री अधिवक्ता प्रेम शंकर पांडेय, प्रोफ़ेसर जगदीश राय, दलित फ़ाउंडेशन के फेलो राजकुमार गुप्ता, अनिल कुमार, महा दलित अधिकार के प्रदेश अध्यक्ष चेतराम मुसहर, दीवि फ़ाउंडेशन के बीरभद्र सिंह पूरे मामले की रिपोर्ट और माँग पत्र तैयार कर मौक़े पर ज़िलाधिकारी के आने पर सौंपने तैयारी की है। सत्याग्रह में दलित फ़ाउंडेशन के फेलो राजकुमार गुप्ता, अनिल कुमार, महा दलित अधिकार के प्रदेश अध्यक्ष चेतराम मुसहर, दीवि फ़ाउंडेशन के बीरभद्र सिंह, भास्कर पटेल, धीरेंद्र गिरी, वीनित सिंह सहित पीड़ित राजेश कुमार, बलदेव, मुनीब, राहुल कुमार, विजय, इन्दु, सदानंद, शंकर, रामप्रसाद, नन्हकू, बुद्धु, कार्तिक, सोमरा, और पीड़ित लोग शामिल थे। अंत में रोटी बैंक की तरफ से पीड़ितों सहित सत्याग्रहियों को भोजन कराया गया।

राजकुमार गुप्ता रिपोर्ट

Click