कोरोना के कहर से थम रही जिंदगी, सुबह 8 बजे चौराहों पर डट गए जवान बॉर्डर सील

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  • अभी भी लोग कर रहे लापरवाही

  • आवक गिरने से बढ़ गया सब्जियों का भाव

  • मेडिकल स्टोर में नही मिल रहा मास्क व सेनेटाइजर

संदीप रिछारिया ( वरिष्ठ संपादक)

चित्रकूट। कोरोना के कहर से देश के नागरिकों को बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल रात सम्पूर्ण देश मे लाकडाउन की घोषणा के बाद बुधवार को लोगो की जिंदगी ठहरी नजर आई। आज हिन्दू नववर्ष के साथ चैत्र मास की वासन्तिक नवरात्र का प्रारम्भ के दिन देवी मन्दिरो की ओर जाकर दर्शन करने वालो की संख्या भी बिल्कुल ना के बराबर रही । कामदगिरि की परिक्रमा में भी कुछ साधू और छिटपुट लोग ही दिखाई दिए। ऐसा लग रहा है कि सम्पूर्ण तीर्थ नगरी का जीवन पूरी तरह से ठहरता जा रहा है।
सुबह के लगभग 8 बजे कर्वी में बस स्टैंड, ट्राफिक चौराहा,स्टेशन, शंभू बाबू पेट्रोल पंप,चकरेही चौराहा आदि स्थानों पर इक्का दुक्का लोग नज़र आये। गल्ला मंडी स्थित सब्जी मंडी में तो भीड़ नजर आई । लेकिन अधिकतर लोगों में सब्जी के भाव बढ़ने को लेकर डर भी नजर आया। लोगों का कहना था कि सोमवार को टमाटर का भाव 15 से 20 रुपये किलोग्राम था,जो कि आज 40 से 50 रुपये बिक रहा है। यही हाल फलो के भी हो रहे है। सब्जी बेचने वाले दुकानदार ने कहा कि ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कुछ वस्तुओ की आवक में कमी आ रही है। कुछ दुकानदारों ने बातचीत में आढ़तियों पर काला बाजारी करने का भी आरोप लगाया।

इधर तीर्थनगरी में बेडिपुलिया, पर्यटक तिराहा, रामघाट, राम मोहल्ला, जानकीकुंड, नयागांव आदि स्थानों पर भी सब्जी और फल के अलावा किराने की दुकानों में हल्का फुल्का समान मिलता नजर आया।
कभी भी संक्रमित हो सकते है जवान हर प्रमुख स्थान पर ड्यूटी पर लगाये गए जवानों को न तो प्रशासन ने मास्क दिए है न ही उनके पास खुद को सेनेटाइज करने की कोई व्यवस्था है। प्रशासन को चाहिए कि अति आवश्यक सेवाओ में लगे सभी कर्मियों को ड्यूटी स्थल पर खड़ा करने से पूर्व मास्क,दस्ताने और वाशिंग किट देनी चाहिए,जिससे वो संक्रमण से बचे रह सके।

सेवा में लगे दिखे सफाई कर्मी
मुख्यालय के साथ ही तीर्थ नगरी में सफाईकर्मी व सेलेटाइज करने वाले कर्मी हर जगह मुस्तेदी से काम करते दिखाई दिए। प्रशासन को चाहिए कि अत्यधिक गंदगी वाले स्थानों को चिन्हित कर कर उनको पूरी तरह से समाप्त कराया जा सकता है। सारे शहर के नालो को पूरी तरह से साफ कराया जा सकता है।

अपनो से अपनी बात
लॉक डाउन का मतलब जिंदगी ठहर या समाप्त हो जाना नही।बल्कि कोराना के कारण मिला यह अवसर आपके लिए अमूल्य है। हमारी आपकी बहुत तेज जिंदगी भाग रही थी।अचानक ठहराव ने हमे अपनो के पास रहने का अवसर दिया। कुछ अपनी कहिए, कुछ उनकी सुनिए। बच्चों को पढ़ाइये, पत्नी की खाना बनाने में मदद करिये। परिवार में खुशी बांटिए। सकारात्मक रहिये,जल्द ही यह दौर भी बीत जाएगा।

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