खम्भौरा के कुचबंधियनपुरवा में टीबी का तांडव, 11 में से एक मरणासन्न

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मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत की भी सुनवाई नहीं

पत्नी बीमार, चार नाबालिग बच्चे, कई दिनों से घर का चूल्हा नहीं जला

राकेश कुमार अग्रवाल

बांदा। लाॅकडाउन ने रोजाना कमाने रोजाना खाने वाले परिवारों को निवालों का मोहताज बना दिया है. बांदा के नरैनी तहसील के कुचबंधियन पुरवा में तो भूख और टीबी दोनों ने तांडव मचा रखा है। मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी शिकायत पर किसी ने कोई सुध नहीं ली।

बांदा की नरैनी तहसील की खम्भौरा ग्राम पंचायत का कुचबंधियनपुरवा एक छोटा सा मजरा है, इस मजरे में कम से कम ११ लोग टीबी जैसी घातक बीमारी से जूझ रहे हैं। मजरे में रहने वाले कुचबंधिया बेलन, चिमटा, तवा आदि बना व बेचकर गुजर बसर करते हैं। लाकडाउन के कारण परम्परागत काम धंधा व मजदूरी सब बंद है। टीबी से पीडितों का इलाज इलाहाबाद में प्राइवेट अस्पताल में चल रहा है। दो माह से ये इलाज व दवा के लिए इलाहाबाद नहीं जा पाए हैं। राजकुमार के यहां तो कई दिनों से चूल्हा नहीं जला है। राजकुमार की पत्नी भी बीमार है उसके चार नाबालिग बच्चे हैं। कमोवेश ऐसे ही हालत मजरे के शिवभजन, आशा, मनोहर, सविता सुक्खन, कडोरे, मेवालाल, सचिन की है।

आर्थिक तंगी और बीमारी से जूझ रहे इन लोगों ने मुख्यमंत्री पोर्टल पर सामूहिक रूप से शिकायत दर्ज कराई, इसके वावजूद आजतक पोर्टल पर लगाई गई गुहार पर कोई कार्यवाही नहीं हुई। राजकुमार की हालत तो इतनी खराब है कि वह चारपाई से नहीं उठ पा रहा है। पूरा परिवार भुखमरी का सामना करना है, राजकुमार के अनुसार यदि उसके या परिवार के साथ कोई हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी। समाजसेवी राजा भैया के अनुसार नरैनी क्षेत्र में टीबी मरीजों को चिन्हित कर उनका उपचार व अनाज आदि का प्रबंध तत्काल शासन प्रशासन को करना चाहिए।

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