! गम हो या खुशियाँ, जीवन के हर किस्से में साथ देती है माँ
खुद सो जाती है भूखी और बच्चों में अपने हिस्से की रोटी तक बाँट देती है!माँ
एक माँ सिर्फ़ बच्चे नहीं पालती बल्कि राष्ट्र निर्माण में भी अपनी अहम भूमिका निभाती है!माँ
हर दर्द की दवा होती है माँ
जब कोई नहीं होता तब हमदर्द होती है माँ,मेरी नींदों में स्वप्न की तरहमेरी खुशियों में दुआओं की तरहचिंता, चिता नहीं बनतीजब वो पास होती है माँ कुंभकार है वह कोईआकार दिया मुझे ठंडक रहती है कलेजे में जब वो आंचल में छुपाती है। थककर आती हूं जब मैं मुस्कान से जोश भर जाती हैआनंदित कर जाती है जब वो ममता झलकाती है। संवारती है बिखरे तिनकों को संभालती है जज़्बातों को दुनिया की इस तपिश में जब वो शीतल झोंका देती है।माँ
अंकिता मौर्य