गोवंशों के संरक्षण के लिए विशेष सचिव ने अधिकारियों के साथ की बैठक

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  • शत-प्रतिशत छुट्टा एवं निराश्रित गोवंशों को किया जाए संरक्षित

  • चारागाह की जमीन को हरा चारा उगाने के लिए किया जाए उपयोग – नोडल अधिकारी

  • गोवंशों के भरण-पोषण एवं संरक्षण में लापरवाही बर्दाश्त नहीं- नोडल अधिकारी

    प्रतापगढ़। विशेष सचिव सामान्य प्रशासन विभाग/जनपद के नोडल अधिकारी राम केवल जी ने विकास भवन के सभागार में जनपद में गोवंशों के संरक्षण एवं भरणपोषण हेतु अधिकारियों के साथ समीक्षा की। समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल, मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, परियोजना निदेशक डीआरडीए आर0सी0 शर्मा, जिला पंचायत राज अधिकारी रविशंकर द्विवेदी, समस्त उपजिलाधिकारी, खण्ड विकास अधिकारी, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, पशु चिकित्साधिकारी, वृहद गौशालाओं के प्रधान सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

जनपद में गो संरक्षण से सम्बन्धित आयोजित समीक्षा बैठक में नोडल अधिकारी ने जनपद के सभी विकास खण्डों में संचालित गो आश्रय स्थलों की संख्या, संरक्षित गोवंशों की संख्या, भरण पोषण की स्थिति, चारे की उपलब्धता, संरक्षित गोवंशों का स्वास्थ्य, सहभागिता योजनान्तर्गत सुपुर्द किये गये।

गोवंशों की संख्या, गोवंशों का टीकाकरण एवं स्वास्थ्य परीक्षण आदि से सम्बन्धित बिन्दुवार जानकारी सम्बन्धित विकास खण्डों के खण्ड विकास अधिकारियों एवं पशु चिकित्साधिकारियों से प्राप्त करते हुये गहन समीक्षा की एवं आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये।

नोडल अधिकारी ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी सहित जनपद के सभी पशु चिकित्साधिकारियों एवं खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि शासन की मंशा के अनुरूप निराश्रित गोवंशों का संरक्षण एवं भरणपोषण की स्थिति का सत्यापन करें। उन्होने कहा कि यदि किसी गो आश्रय स्थलों में किन्हीं कारणवश गोवंशों की संख्या मानक से ज्यादा है तो उनकी अलग से व्यवस्था करें।

उन्होने निर्देशित किया कि गोवंशों के भरणपोषण एवं संरक्षण में किसी भी तरह की लापरवाही कदापि न बरती जाये तथा समय-समय पर गोवंशों का स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाये। गर्मी से बचाव के लिये टीन शेड को व्हाइट पेन्ट से पेन्ट किया जाये जिससे जानवरों को गर्मी से बचाया जा सके। बैठक में उन्होने बताया कि दो दिन के दौरे में 11 गौशालाओं का निरीक्षण किया गया है जिनमें भूसा, चारा की पर्याप्त व्यवस्था नही थी और जानवरों के हेल्थ बड़े ही कमजोर थे।

बैठक में उन्होने समस्त सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित करते हुये कहा कि मिक्चर चारा उन्हें पर्याप्त मात्रा में खिलाया जाये और जानवरों का स्वास्थ्य परीक्षण समय-समय पर किया जाये और जो भी जानवर अस्वस्थ है उनका ईलाज समय समय पर किया जाये। उन्होने कहा कि चारागाह की जमीनों का समतलीकरण कराया जाये और चारा उगाने हेतु मिट्टी को उपजाऊ बनाये जिससे चारे की बुवाई की जा सके। गौशालाओं के कर्मचारियों का भुगतान समय से किया जाये।

समीक्षा के दौरान नोडल अधिकारी ने वृहद गौशालाओं के प्रधानों की समस्याओं को सुना एवं निस्तारण हेतु सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देशित किया। उन्होने अधिकारियों को निर्देशित किया कि पशुपालकों द्वारा यदि अपने क्षेत्र के अन्तर्गत जानवर छोड़ते हुये पाये जाये तो सम्बन्धित पशुपालक को नोटिस दी जाये।

उन्होने निर्देशित किया कि निराश्रित गोवंशों को गौशालाओं में शत् प्रतिशत संरक्षित किये जाये जिससे किसानों की फसलों का नुकसान न होने पाये, इसे गम्भीरता से लिया जाये। नोडल अधिकारी ने अन्त में सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनपद में संचालित गो-आश्रय स्थलों का सुचारू रूप से सफल संचालन करायें, लापरवाही कदापि न बरती जाये अन्यथा सम्बन्धित अधिकारी के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी, सभी अधिकारी अपने-अपने दायित्वों/कार्यो को शत् प्रतिशत निर्वहन करें।

  • अवनीश कुमार मिश्रा
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