गौरहारी डम्प से लकड़ी लादकर जा रहे ओवरलोड ट्रक से टूटा विद्युत तार, बड़ा हादसा होने से टला

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महोबा , चरखारी से लकड़ी के डम्प को हटाकर अब लकड़ी मफियाओं ने ग्रामीण व दूर दराज के क्षेत्रों में डेरा डाल लिया है। जहां से प्रतिदिन कुन्तलों लकडियां दर्जनों की संख्या में ट्रकों में लादकर अन्य प्रान्तों में धडल्ले से परिवहन कर रहे है। ऐसे ही ग्राम गौरहरी में एक लकड़ी से भरे ओवरलोड ट्रक से लाईट के तारों के टूट जाने के कारण एक ओर जहां आधा दर्जन घरों की विद्युत सप्लाई ठप्प हो गयी। तो वहीं करण्ट की चिंगारी निकलने से ट्रक भी आग की चपेट में आने से बाल बाल बच गया।

पूर्व सांसद गंगाचरण राजपूत द्वारा वृक्षों की कटान रोकने के लिये किए जा रहे  प्रयासों पर लकड़ी मफियाओं का रूतवा और पहुंच हावी नजर आ रही है। लकड़ी मफिया अब कस्बा से तो नदारत हो चुके है, लेकिन दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों में इन मफियाओं ने अपना कारोबार फैला दिया है। वह रातो दिन जंगलों की कटान करते हुए हरे पेड़ों का सफाया करने में जुटे हुये है। गत एक माह से सोशल मीडिया व पूर्व सांसद जंगल बचाने  का अभियान चला रहे हैं, लेकिन प्रशासनिक की उदासीनता इस अभियान पर पानी फेर रहीं हैं। बता दे कि कस्बा चरखारी में संचालित दो डम्प संचालक अपना बोरिया बिस्तर समेट कर ग्रामीण क्षेत्रों में अपना अड्डा जमा लिया है। जहां इन्होने ऐसा मकडजाल फैला रखा है कि इसको समूल नष्ट करना आसान नहीं है।

इस कारोबार में कई सफेदपोशों का भी हाथ बताया जा रहा है। जिससे प्रशासन भी इन पर हाथ डालने में हिचक रहा है। बीती रात ट्रक यू०पी० 25 डीटी 4518 ओवर लोड लकडियां भरकर गौरहरी से जा रहा था। इसी दौरान सड़क के ऊपर से निकले बिजली के तारों को तोडता चला गया। गनीमत रहीं कि बिजली के तारों से निकली चिंगारी से ट्रक बाल बाल बच गया। अन्यथा की स्थति में कोई बड़ा हादसा हो सकता था। तारों के टूटने पर ग्रामीणों द्वारा चालक व परिचालक को पकड़कर जमकर धुना गया और पुलिस को सूचना भी दी गयी। लेकिन पुलिस भी तमाशा देख कर वापिस पुलिस चौकी लौट गयी। तार टूटने से ताहिर, चिंता राजपूत, रामस्वरूप साहू, शकील खान, रघुनाथ अहिरवार, संजू राजपूत, कल्लू, केसकुमार पाल सहित दर्जन से अधिक लोगों की बिजली गुल हो गयी। भारी मशक्कत के बाद बिजली कर्मी अरविंद व रोहित द्वारा सप्लाई बहाल की गयी। इसके बाद सफेदपोश संरक्षक बैखोफ होकर ट्रक को लेकर वहां से रवाना हो गए।

रिपोर्ट – राकेश कुमार अग्रवाल

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