चित्रकूट। गायत्री शक्तिपीठ में 51कुंडीय गायत्री महायज्ञ की बैठक आयोजित की गई।यहाँ जिले भर के मुख्य कार्यकर्ताओ ने विचार विमर्श कर समितियों के माध्यम से अभी से जन जागरण करने की रूपरेखा बनाई। छोटे-छोटे दीप यज्ञ एक कुंड यज्ञ एवं विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से जन-जन को जोड़ने की बात तय की गई। कलश यात्रा के लिए दायित्व एवं प्रचार-प्रसार का दायित्व कार्यकर्ताओं ने लिया। गायत्री शक्तिपीठ के व्यवस्थापक डॉ राम नारायण त्रिपाठी ने सभी को यज्ञ की उपादेयता पर महत्वपूर्ण विचार देते हुए कहा कि मनुष्य का जीवन यज्ञ के साथ शुरू होता है और अंत भी यज्ञ भगवान की गोदी में ही होता है। मनुष्य को यज्ञ में दान करना चाहिए वह समय दान अंशदान प्रतिभा दान विचार दान किसी भी रूप में हो सकता है लेकिन दान के बारे में कठोपनिषद में बात आती है कि दान जो वस्तु का दिया जाए वह वस्तु शुभ हो, प्रिय हो । अपने को एवं पात्र को दी जाए परम पूज्य गुरुदेव का नवयुग अवतरण का कार्यहै ।जो मानव मात्र के कल्याण के लिए है इस धरती पर सुख शांति लाने के लिए है और इससे पवित्र कोई कार्य नहीं हो सकता और इस कार्य में लगे हुए व्यक्ति भगवान के चेतना के संवाहक हैं । उनके निमित्त किया गया दान सर्वश्रेष्ठ दान है अपने जीवन का महत्वपूर्ण समय ही व्यक्ति को लगाकर इन श्रेष्ठ कार्यों को संपन्न करना चाहिए। यह नहीं सोचना चाहिए जब हम रिटायर हो जाएंगे तब सेवा का काम करेंगे बहुमूल्य समय ही सेवा कार्य में लगाना चाहिए । इसके लिए सभी कार्यकर्ताओं से निवेदन है की परम पूज्य गुरुदेव के इस महाअभियान को पूर्ण करने के निमित्त ही आयोजित विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम होते हैं । इसी क्रम में गायत्री शक्तिपीठ चित्रकूट में51 कुंडीय गायत्री महायज्ञ 23 से 26 अप्रैल में रखा गया है। उसके लिए बढ़-चढ़कर पुरुषार्थ करें मनुष्य जीवन की सर्वोत्तम उपलब्धि भी यही है इसी जन्म में सांसारिक वासनाओ से मुक्ति प्राप्त करें और इसके लिए यज्ञ पैथीश्रेष्ठ पद्धति है। वातावरण को एवं मानसिकता को ठीक करने के लिए आज धरती पर विचार संकट आस्था संकट चारों तरफ फैलता दिखाई पड़ रहा है ।घर परिवार समाज राष्ट्र टूटते हुए दिखाई पड़ रहे हैं इनके प्रति श्रद्धा व्यक्ति के जीवन में दिखाई नहीं पड़ रही है। इनकी पुनर्स्थापना आज का एक महत्वपूर्ण काम है और इस काम को गायत्री परिवार कर रहा है। इसमें आप सभी भावना शीलों के योगदान की आवश्यकता है।
इस बैठक में मुख्य रूप से चुन्नीलाल विस्वकर्मा भवानी दीन यादव डॉ रजनीश सिंह डॉ गणेश गुप्ता पं दिनेश कमलेश यादव रामलखन केशरवानी रविमाला सिंह सुधा तिवारी विजयलक्ष्मी निगम पुष्पा शर्मा निधि त्रिपाठी रामशरण शास्त्री रमाकांत द्विवेदी के के त्रिपाठी छेदीलाल गौतम कमल सिंह सोहनलाल नामदेव आदि एक सैकड़ा परिजन उपस्थित रहे।
संदीप रिछारिया ( सीनियर एडीटर)