जब पृथ्वी पर अधर्म और अत्याचार बढ़ता है तो प्रभु लेते है जन्म – पंडित रमाकांत कौशिक

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श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कृष्ण जन्म की कथा का वर्णन सुन श्रोता हुए भावविभोर।

महोबा , पनवाड़ी विकासखंड क्षेत्र के ग्राम छतेसर के श्री हनुमान मंदिर में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथा वाचक पंडित रमाकांत कौशिक महाराज ने कथा सुनाते हुए कहा कि जब-जब पृथ्वी पर अत्याचार और अधर्म बढ़ता है तो प्रभु का अवतरण होता है। कथा के चौथे दिन उन्होंने कृष्ण जन्म की कथा सुनाते हुए कहा कि कंस ने अपनी बहन देवकी का विवाह वसुदेव के साथ कर खुशियां मनाई। जब वह अपनी बहन को विदा कर रहा था उसी समय आकाशवाणी हुई कि देवकी का आठवां पुत्र तेरा काल होगा को सुनकर वह परेशान हो गया। वह देवकी को मारने के लिए तैयार हो गया। लेकिन वसुदेव के समझाने पर उसने वसुदेव व देवकी को कारागार में डाल दिया। जहां श्रीहरि विष्णु ने देवकी के गर्भ से कृष्ण के रूप में जन्म लिया। कंस के डर से वसुदेव ने कृष्ण को गोकुल में नंद के घर पहुंचा दिया। कथा वाचक पंडित रमाकांत कौशिक महाराज ने कृष्ण जन्म पर नंदोत्सव की कथा सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। कथा पंडाल में लोगों ने खुशियां मनाते हुए मंगल गीत गाए। धर्म प्रेमियों ने बाल कृष्ण की आरती उतार प्रसाद वितरित किया।

रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल

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