लखनऊ : जो लोग रोज मर्रा के दौड़ भाग की जिंदगी में शायद अपने लिए थोड़ा भी वक्त नही निकाल पाते शायद वो कुणाल कामरा को नही जानते होंगे या अर्नब गोस्वामी को भी नही जानते होंगे। चलिए कोई बात नही आज हम आपको इन दोनों के बारे में बताएंगे और ये भी बताएंगे कि आखिर इनके मामले ने नेशनल स्तर पर क्यों सुर्खिया बटोरी और क्या है इसके पीछे की सच्चाई।
दरअसल कुमार कामरा एक स्टैंडअप कॉमेडियन है और सबसे पहले अपने शो ‘शट्अप या कुणाल’ से लोगों की नज़र में आए। इससे पहले स्टैंडअप करने वाले कामरा ने साल 2017 में यूट्यूब पर इंटरव्यू करना शुरू किया था। कामरा ने इस शो में कई पत्रकार और नेताओं को बुलाया। कामरा के शो में रवीश कुमार,असदुद्दीन ओवैसी, कन्हैया कुमार, उमर खालिद, शेहला रशीद, जिग्नेश मेवाणी, अरविंद केजरीवाल, शशि थरूर, जावेद अख़्तर और प्रियंका चतुर्वेदी जैसी कई लोग शामिल हो चुके हैं। वहीं अर्नब गोस्वामी एक ऐसी शख्सियत हैं कि उन्होंने भारतीय मीडिया के पत्रकारिता और वाद विवाद की परिभाषा इतनी बदल दी कि उनके ऊपर एंकर नही एक राजनीतिक पार्टी का प्रवक्ता होने के आरोप लगने लगे। समाचार की मूल धारणा का मजाक बनकर कर शोरशराबे परोसने का काफी श्रेय इनके नाम जाता है।
कैसे शुरू हुआ विवाद
मुंबई से लखनऊ की उड़ान संख्या 6 ई 5317 में एक साथ आते समय कामरा ने टीवी पत्रकार अर्नब गोस्वामी से कुछ सवाल पूछ थे। वो सवाल आम पत्रकार के जैसे या आम आदमी के जैसे तो बिल्कुल नही थे। उनसे व्यक्तिगत खुन्नस की बू आ रही थी लेकिन थे जेन्युन। अब सवाल पूछने के तरीके या क्रू मेम्बर के मना करने के बावजूद कुणाल ने वो सवाल पूछे और बाकायदा उनका वीडियो बनाया। इतने से मन नही भरा तो उतरते ही उन्होंने वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट भी कर दिया। हालांकि पूरे मामले में तारीफ की बात ये रही कि कुणाल के किसी भी सवाल का पत्रकार ने कोई जवाब नही दिया। कुणाल के इस व्यवहार की वजह से एयरलाइन ने उन्हें सस्पेंड कर दिया। आसान शब्दो मे कहें तो उन्हें अपने जहाज से उड़ने पर रोक लगा दी। चूंकि एंकर बाकायदा सत्ता रूढ़ पार्टी के प्रवक्ता के रूप में प्रचारित है तो तुरन्त इंडिगो के मामले में उड्डयन मंत्री ने दूसरी एअर लाइन्स को भी ऐसे यात्रियों को बैन करने की सलाह दे डाली। आनन फानन 4 एयरलाइन्स ने कुणाल को बैन कर दिया। यही नही दिल्ली ऑटो एसोसिएशन के सीएनजी ऑटो और डीटीसी ने भी अपनी बसों में अगले आदेश तक कुणाल के सफर करने पर पाबंदी का फैसला किया।
क्या कहता है नियम
डीजीसीए के नियमो की बात की जाए तो उड़ान के दौरान यात्रियों के किसी भी प्रकार के दुर्व्यवहार के लिए उन्हें 3 तरह से सजा दी जा सकती है। जिसमे न्यूनतम 20 दिन से लेकर अधिकतम सजा 6 माह तक का प्रतिबंध प्रस्तावित है। जिसके लिए पीड़ित यात्री/क्रू मेंबर द्वारा विमान के पायलट को सूचना दी जाती है उसके बाद एक आंतरिक कमेटी द्वारा जांच कर उन्हें रिपोर्ट सौंपी जाती है जिसके आधार पर सजा का निर्धारण किया जाता है। लेकिन यहां डीजीसीए ने कहा कि कार्रवाई उदंड यात्रियों से निपटने के लिए नागर विमानन आवश्यकता (सीएआर) की धारा -3, श्रेणी एम, खंड छह के पूरी तरह अनुरुप है।
पायलट ने क्या कहा
सजा पहले दे दी गई और जिसकी सिफारिश की जरूरत थी उसे बताया तक नही गया ऐसे में पायलट ने इंडिगो को पत्र लिखकर नाराजगी जताई। पायलट कैप्टन रोहित मैती ने एयरलाइन को लिखे पत्र में कुणाल कामरा का समर्थन किया है। उन्होंने कामरा के खिलाफ की गई कार्रवाई को गलत बताया है। कैप्टन मैती ने अपने पत्र में लिखा है, ”मुझे इस बात से दुख हुआ है कि इंडिगो ने केवल सोशल मीडिया पोस्ट के आधार पर ही कामरा के खिलाफ कार्रवाई कर दी। इस बारे में पायलट से कोई बातचीत नहीं की गई. मेरे 9 साल के करियर में यह एक अप्रत्याशित घटना है ” उन्होंने आगे लिखा ”कामरा का व्यवहार ऐसा नहीं था कि उसकी शिकायत की जाए” साथ ही इंडिगो से सफाई मांगते हुए यह भी कहा है, ”क्या मुझे यह समझना चाहिए कि हाई प्रोफाइल यात्रियों के मामले में उनके आचरण की व्याख्या के लिए अलग मापदंड हैं।इस बारे में स्थिति को स्पष्ट किया जाना चाहिए।”कैप्टन रोहित मैती का यह पत्र सामने आने के बाद इंडिगो ने सफाई देते हुए एक बयान में कहा, ”हमने पायलट के पत्र के बारे में संज्ञान लिया है. इस बारे में जांच के लिए आतंरिक कमेटी बनाई गई है”
कुणाल ने भेजा नोटिस
कुणाल के व्यवहार के बाद पायलट भले ही उनके समर्थन में आ चुका हो लेकिन चापलूसी में आकर कई एयरलाइन ने अंबे बैन कर दिया था जिसे विपक्षी पार्टियों और सत्ता रूढ़ दल के कट्टर मानसिक दुश्मनों ने जम कर भुनाया जिससे कुणाल के सिर्फ भाव ही नही बढ़े बल्कि वो एक माफी न मांगने की तख्ती लेकर रिपब्लिक के ऑफिस के बाहर पहुंच गए। वो यही नही रुके उन्होंने इंडिगो को बिना शर्त माफी मांगने व प्रतिबंध हटाने के साथ 25 लाख रुपये हर्जाने का नोटिस भी भेज दिया।
किसका हुआ फायदा
कहते है बदनाम हुए तो भी नाम होता है कुछ ऐसा ही हुआ कुणाल और अर्णब के साथ। एक ने अपने लोगो पर यह एहसान कर दिया कि आपके साथ कंधा मिलाने से कितने लोग नाराज है और ये नाराजगी हमें आपकी खुशियों के बदले स्वीकार है दूसरे को मौका मिला स्टैंडअप कॉमेडी से सीधे विपक्ष के करीब जाने का और राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियां बटोरने का तो उन्होंने भी इसे भरपूर भुनाया। अब सोचिए अगर आप इन्हें नही जानते रहे होंगे तो कम से कम इनका एक कॉमेडी एपिसोड देखने का मन जरूर कर रहा होगा कि आखिर कौन है जो सामने वाले की हैसियत जान के भी भिड़ गया। पूरे मामले में सबसे ज्यादा रोल खराब रहा है तो वो था एयरलाइन्स का जिसमे कुछ समय पहले ख़ुद रिपब्लिक की एंकर लगभग जबरन तेजस्वी का इंटरव्यू लेने की कोशिश रही थी और एयरलाइन्स गिड़गिड़ाने के अलावा कोई कार्यवाही नही कर पाई थी।सोशल मीडिया पर हुई किरकिरी के बाद बड़ा सवाल ये है कि रोज लापरवाहियों की झड़ी लगाने वाली एयरलाइन क्या वाकई आम यात्रियों की परेशानी पर भी ऐसे कदम उठाती है या इनके नियम कानून सिर्फ चंद खास लोगो को खुश करने के लिए बने हैं।