जा पर विपदा परत है, सो आवत यहि देश

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भाजपा का इको सिस्टम सुधारने को चित्रकूट में मंथन

  • श्री रामजन्म भूमि तीर्थ न्यास के महासचिव चंपक राय की दो बार हुई पेशी
  • संघ की पांच दिवसीय प्रांत प्रचारक बैठक संपन्न
  • संघ प्रमुख ने नहीं किए स्वामी कामदनाथ के दर्शन न लगाई परिक्रमा
  • मीटिंग शुरू होने के पहले राष्ट्रीय प्रचार प्रसार प्रमुख सुरेश सोनी ने किए थे भगवान कामतानाथ के दर्शन, शाम को लगाई थी श्रीकामदगिरि की परिक्रमा
  • पांच दिनों में जारी की गई दो प्रेस रिलीज
  • अभेद सुरक्षा के घेरे में रहा आरोग्यधाम परिसर व आसपास का क्षेत्र

संदीप रिछारिया

धर्मक्षेत्र। चित्रकूट की धरती पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की अति गोपनीय पांच दिवसीय प्रांत प्रचारक बैठक का समापन सोमवार को हुआ, पर इस बैठक में तीर्थ क्षेत्र से मिली आध्यात्मिक उर्जा का उपयोग भविष्य में भाजपा का इको सिस्टम दुरस्त करने को किया जाएगा। संघ ने घोषित तौर पर इसे वार्षिक बैठक बताकर साल भर के कामों का हिसाब किताब करने का जरिया बताया पर अंदर खाने से निकली खबरों के मुताबिक कश्मीर की मूल स्वरूप में वापसी, कांग्रेस शासित प्रदेशों में सत्ता और आने वाले 2022 में पांच राज्यों में चुनाव को लेकर संघ ने चित्रकूट में मंथन किया। इस दौरान राम मंदिर के भव्य निर्माण को लेकर खरीदी गई जमीन पर लगे आरोपों के मद्देनजर दो बार न्यास के महासचिव चंपक राय की पेशी भी हुई, लेकिन संघ ने उन्हें क्लीन चिट देकर विदा कर दिया। वैसे स्थानीय तौर पर चित्रकूट को केंद्रशासित प्रदेश के रूप में संघ प्रमुख द्वारा स्वीकार करना स्थानीय लोगों के लिए वरदान के समान है। वैसे बैठक में यूपी के मुख्यमंत्री योगी द्वारा पिछले दिनों श्रीचित्रकूटधाम तीर्थ विकास परिषद के साथ यूपी के चित्रकूट में विकास को लेकर भी संघ के विभिन्न पदाधिकारियों ने चर्चा की। लगभग हर पदाधिकारी ने आपसी बातचीत में चित्रकूट को राज्यों की सीमाओं से मुक्त करने की हिमायत की।

पिछले 100 सालों से हिंदू हितों के चिंतन के साथ मानवता की सेवा करने का काम कर रही सामाजिक संस्था राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की प्रांत प्रचारक बैठक का समापन सोमवार की शाम होने के बाद मंगलवार की शाम संघ प्रमुख डाक्टर मोहन भागवत सतना के रास्ते अपने गंतव्य की ओर निकल गए। वैसे उनके जाने के पूर्व से ही संध के पदाधिकारियों का जाना प्रारंभ हो गया था।

अमावस्या के दो दिन पहले प्रारंभ हुई संघ की प्रांत प्रचारक बैठक का पहला प्रेस नोट 8 जुलाई को रिलीज किया गया। इसमें अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने बताया कि कोरोना के कारण पिछले साल जुलाई में अखिल भारतीय प्रांत प्रचारक बैठक नहीं हो सकी थी। इस बार चित्रकूट में संख्या को नियंत्रित कर कुछ प्रत्यक्ष रूप से तो कुछ आभासी की सहायता से यह बैठक हो रही है। 9 व 10 जुलाई को क्षेत्र प्रचारक तथा सह क्षेत्र प्रचारकों की बैठक में सरसंघकार्यवाह डाक्टर मोहन भागवत, सह कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, एवं सभी पांचों सहसरकार्यवाह मौजूद रहेंगे। 12 को संघ की रचना के अनुसार 45 प्रांत के प्रांत प्रचारक एवं सहप्रांत प्रचारक आभासी माध्यम से मौजूद रहेंगे। दूसरा प्रेस नोट 11 जुलाई को अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने जारी कर बताया कि कोरोना की तीसरी लहर की संभावना जताते हुए देशव्यापी कार्यकर्ता प्रशिक्षण कराए जाने के साथ ढाई लाख स्थानों पर सेवाएं देने की बात कही गई । संघ के 27166 शाखाओं को फिर से प्रारंभ किए जाने की बात कही गई। बताया गया कि कोरोना की दूसरी लहर में उत्पन्न परिस्थितियों की चर्चा के साथ ही सेवा कार्यों की बात हुई। प्रशिक्षण शिविर अगस्त में पूरा करने की बात कही गई। सितम्बर से जनजागरण का काम प्रारंभ कर दिया जाएगा। इसके अलावा देश भर में लगने वाली शाखाओं की बात करते हुए कहा कि आने वाले समय में शाखाओं के माध्यम से और भी व्यापक सेवा कार्य किए जाएंगे।

चित्रकूट में कहां-कहां गए संघ के पदाधिकारी

संघ प्रमुख डा0 मोहन भागवत ने बैठक शुरू होने के पूर्व जगद्गुरू रामभद्राचार्य जी से मुलाकात की। लगभग डेढ घंटे की मुलाकात में जगद्गुरू ने उनसे चित्रकूट के सर्वागींण विकास के साथ ही श्रीरामचरित मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ बनाने, चित्रकूट को सीमाओं से मुक्त करने, तुलसीतीर्थ राजापुर का विकास करने, गौ हत्या पर प्रतिबंध लगाने के साथ अन्य मांगे रखीं। सोमवार की शाम संघ प्रमुख से मिलने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि जी जगद्गुरू के उत्तराधिकारी आचार्य रामचंद्रदास के साथ पहुंचे। उन्हें श्रीरामजन्म भूमि तीर्थ न्यास में दो जगद्गुरूओं व तीनों प्रमुख अखाड़ों के महंतों को जगह देने की बात कही। वैसे सोमवार की शाम संघ के राम माधव भी तुलसी पीठ पहुंचे। सोमवार को संघ के मदन दास देवी ने मप्र में आचार्य मंदिर द्वारा पुनः प्रारंभ करवाई गई मंदाकिनी गंगा आरती का शुभारंभ किया। वैसे राम माधव व भैया जी जोशी ने श्रीकामदगिरि परिक्रमा की व भैया जी जोशी ने गुप्त गोदावरी के भी दर्शन किए।

निराश दिखे कामतानाथ मंदिर के पुजारी

श्रीकामतानाथ मुख्य मुखारबिंद के पुजारी भरत शरण जी ने कहा कि इस बार संघ प्रमुख का स्वामी कामतानाथ जी के दर्शन न करना दुखदाई है। पहले वह हमेशा दर्शन करने आते रहे हैं। इस बार उनकी सिक्योरिटी काफी टाइट थी, जिसके कारण वह नहीं आ सके। वैसे सुरेश सोनी, राम माधव, भैयाजी जोशी सहित अन्य लोगों ने दर्शन व परिक्रमा की है।

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