जिंदादिल रमेश की संदेहास्पद परिस्थितियों में बैरक में मौत

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आत्महत्या की थ्योरी परिजनों के गले नहीं उतर रही

कुलपहाड (महोबा)। कांस्टेबल रमेश यादव की जालौन के कदौरा थाने की बैरक में आत्महत्या किए जाने की खबर परिजनों के गले नहीं उतर रही है। परिजनों को शक है कि उनके भाई को मारकर फंदे पर लटकाया गया है।

नगर के फिल्टर प्लांट के समीप सतियनपुरा निवासी छिमाधर यादव के सात बेटों में सबसे छोटा ५० वर्षीय रमेश जालौन जनपद के कदौरा थाने में कांस्टेबल पद पर तैनात था। रमेश पन्द्रह दिन पहले मऊरानीपुर में लगाई गई विशेष ड्यूटी से कुलपहाड अपनी पत्नी शैलकुमारी के साथ आया था. एक हफ्ता रुकने के बाद रमेश खेती के काम निपटा कर वापस चला गया था। जिंदादिल , खुशमिजाज रमेश के बडे भाई को आज सुबह साढे दस बजे कुलपहाड कोतवाली द्वारा फोन पर सूचना दी गई कि रमेश ने कदौरा में आत्महत्या कर ली है। सूचना मिलते ही यहां से लगभग ३५ लोग कदौरा के लिए निकल गए। दूसरी ओर झांसी में हसारी में रह रही रमेश की पत्नि शैल कुमारी व तीनों बच्चों सीमा , शिवम व हिमांशु को पुलिस अपने साथ यह कहकर कदौरा के लिए निकल पडी कि आपको पति को कोरोना हो गया है। उनकी तबियत काफी खराब है जल्दी से हमारे साथ चलिए।

गौरतलब है कि रमेश का बडा भाई गुलाब आगरा में व छोटा भाई अर्जुन ललितपुर में पुलिस में तैनात हैं। दोनों भाई सूचना मिलते ही कदौरा के लिए निकल पडे हैं। परिजनों के अनुसार रमेश आत्महत्या नहीं कर सकता है। रमेश की मौत के पीछे कोई बडी साजिश है। उनके अनुसार बैरक में चार सिपाही होते हैं। ऐसे में बैरक के अंदर कोई कैसे आत्महत्या कर सकता है? पुलिस कर्मियों ने रमेश को फंदे पर सुबह ९ बजे लटकता देखा। जबकि सिपाहियों की आठ बजे ड्यूटी बदलती है। ऐसे में छह बजे से उठकर उन्हें तैयार होना पडता है। फिर ऐसा कैसे संभव है कि किसी साथी पुलिसकर्मी की उन पर नजर न पडती। परिजनों के मुताबिक फोटो देखकर स्पष्ट रूप से मामला संदेहास्पद नजर आता है। क्योंकि रमेश का एक पैर पलंग पर है। ऐसे में फांसी लगने की संभावना कम और उनको लटकाकर मारने की आशंका ज्यादा लग रही है। रमेश की तीन संतानों में बेटी सबसे बडी है। जब वह घर आया था तब उसने बेटी की शादी करने की इच्छा जताते हुए कहा था कि कोई अच्छा लडका नजर में हो तो बताइयेगा। धूम्रपान , मांस , मदिरा से दूर रहने वाले रमेश की मौत की खबर से पूरे मोहल्ला व बिरादरी में सभी लोग सकते में हैं कि ऐसा कैसे हो सकता है।

जांच के बाद ही रमेश की मौत का सच उजागर हो पाएगा फिलहाल रमेश को जानने वाला कोई भी गांववासी उसके द्वारा आत्महत्या किए जाने की खबर से सहमत नहीं है।

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