झांसी और ग्वालियर में कवर आल का उत्पादन शुरू

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रेलवे ने ७००० कवर आल बनाने का रखा लक्ष्य

राकेश कुमार अग्रवाल

कुलपहाड (महोबा)। रीयूज़ेबल फेस कवर और सैनिटाइजर के उत्पादन में अग्रणी होने के बाद उत्तर मध्य रेलवे ज़ोन ने मेडिकल कर्मियों के लिए पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से कवरऑल का भी आंतरिक स्रोतों से उत्पादन प्रारंभ कर दिया है।
झांसी और ग्वालियर में सवा दो सौ से अधिक कवर आल का उत्पादन हो चुका है. इसके लिए निर्धारित सामग्री कपड़े, सीलेंट आदि को जगधारी कार्यशाला के अनुमोदन के बाद उत्तर मध्य रेलवे ने तेज गति से इसके उत्पादन को प्रारंभ कर दिया है ।

झांसी और ग्वालियर में रेलवे कारखानों द्वारा लगभग 230 नग कवरऑल तैयार कर लिए हैं। रेलवे के डॉक्टरों की टीम द्वारा 14 अप्रैल को किए गए परीक्षण में कवरऑल सैंपल को उपयुक्त पाया गया था। इसी प्रकार कानपुर में बना नमूना भी निर्धारित मानदंडों के अनुरूप पाया गया और प्रयागराज डिवीजन द्वारा कपड़े, सीलेंट आदि की वर्तमान उपलब्धता के अनुसार अगले दो सप्ताह में 1800 कवरऑल बनाने का लक्ष्य बनाया गया है। उत्तर मध्य रेलवे ने पहले चरण में 2000 कवरऑल बनाने की योजना बनाई थी, लेकिन अब इसको आगे बढ़ाते हुए उत्तर मध्य रेलवे में कानपुर में प्रयागराज डिवीजन द्वारा बनाए जा रहे कवरऑल के अलावा ज़ोन के कारखानों द्वारा 7000 कवरऑल बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय और तीनों मंडलों के कर्मचारियों ने कोविड-19 के कारण विस्तारित लॉकडाउन के दौरान रेलवे की सामाजिक प्रतिबद्धताओं को बनाए रखते हुए जरूरतमंद लोगों को गरमा गरम पका भोजन प्रदान किया गया है। उत्तर मध्य रेलवे आरपीएफ, स्काउट्स एंड गाइड, आईआरसीटीसी बेस किचन और सभी विभागों के कर्मचारियों के कई व्यक्तिगत और सामूहिक प्रयासों के माध्यम से पेपर प्लेट या भोजन के पैकेट के साथ पकाया हुआ भोजन प्रदान कर रहा है।

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