झूठ की नाव पर सवार होकर कभी प्रियंका वाड्रा को मंजिल नहीं मिल सकती : दिनेश सिंह

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रायबरेली-एमएलसी दिनेश सिंह ने आज एक प्रेस वार्ता करते हुए बताया कि प्रियंका वाड्रा ने एक प्रेस वार्ता करते हुए बताया की आगामी विधान सभा के चुनाव में महिलाओं को 40% हिस्रोदारी देने की बात कहकर रास्ती लोकप्रियता पाने का प्रयास किया गया है, जिसकी मैं निंदा करता हूँ। प्रियंका वाड्रा अगर राचमुच महिलाओँ को उनका हक देना चाहती हैं, तो जो खुद प्रियंका वाड्रा के हाथ में है उसे क्या नहीं देती है? यदि गांधी परिवार के अतिरिक्‍त्त देश व प्रदेश की महिलाओं को सम्मान देने की चाहत रखती हैं, तो कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष या उत्तर प्रदेश कंग्रेस का अध्यक्षा गांधी परिवार से बाहर की किसी ” महिला को बनाकर दिखायें तो निश्चित ही उत्तर प्रदेश की आधी आबादी उनकी बात पर यकीन कर सकती है देश के कांग्रेस संगठन में कितनी प्रदेश अध्यक्ष महिलायें है? देश में जिन प्रदेशों में कांग्रेस की सरकारे हैं, उसमें कितने मुख्यमंत्री और मंत्री महिलाओं को बनाया गया है जिला कांग्रेस कमेटी रायबरेली, अमेठी सहित उत्तर प्रदेश के 75 जनपर्दों में कितनीमहिला जिला कांग्रेस की अध्यक्ष हैं अगर इनमें महिलाओं की भागीदारी प्रियंका वाड़ा नहीं दे सकती हैं, तो महिलाओं को भागीदारी देने की बात झूठ का पुलिन्दा मात्र है, प्रियंका वाड्रा पूरी तरह से सिर्फ झूठ की राजनीति करती हैं, रायबरेली के गली कूचे उनके झूठ से पूर्णत्या परिचित है, इसी विधान सभा के चुनाव में पूरा उत्तर प्रदेश इनके झूठ से परिचित हो जायेगा, जिस प्रकार कल प्रेस वार्ता में झूठ बोला कि महिलाओं को 40% टिकट देंगे। योगी सरकार में कांग्रेस के 18700 लोगों को जेल भेज दिया है, उसी तरह बनारस में कहा कि – हम आज नवरात्रि के चौथे दिन व्रत हैं, इस तरह के झूठ की नाव पर सवार होकर कभी प्रियंका वाड्रा को मंजिल नहीं मिल सकती। प्रियंका गांधी वाड्रा के पति एक तरफ किसानों की जमीन हड़प ले रहे हैं, तो दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश के किसानों के लिए प्रियंका वाड्रा घड़ियाली आंसू बहा रही हैं।

प्रियंका वाड्रा को मैने पहली बार लगभग 50 वर्ष की आयु में प्रेस वार्ता करते देखा है, इससे पूर्व कभी-भी रायबरेली के पत्रकारों को भी उन्होने सम्बोधित नहीं किया, इसका कारण चाहे अयोग्यता, अक्षमता रही हो या अहंकार। कल ही प्रियंका वाड्रा ने सपा-बसपा दोनों की आलोचना की, जबकि सोनिया गांधी को सांसद बनाने के लिए सपा-बसपा की चौखट पर प्रियंका गाधी जी ही गयी थी मदद मांगने और सपा-बसपा की ही । मदद से सोनिया गांधी जी रायबरेली की सांसद हैं। दूसरों को नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाली श्रीमती प्रियंका गाधी जी को नैतिकता के आधार पर अगर सपा बसपा का विरोध करना ही है तो सोनिया गांधी को पहले संसद सदस्य पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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