रिपोर्ट – सुधीर त्रिवेदी
बाँदा/ अतर्रा — बाँदा के बदौसा थाना क्षेत्र के भदावल गावँ में एक गरीब मजदूर अपने परिवार के साथ रहता है उसकी की पाँच लड़किया है और दो लड़के है जिनमे उसकी सबसे छोटी पुत्री ने बीती शाम देश को बीमारी से बचाने के लिए अपनी जीभ काटकर मंदिर में चढ़ा दी ।
गौरतलब है कि बदौसा थाना क्षेत्र के भदावल गावँ में सौखी लाल अपने परिवार के साथ रहता है वह मजदूरी करके अपने परिवार का भरण पोषण करता है सौखी लाल की सबसे छोटी पुत्री गायत्री (14) प्रतिदिन की भांति घर से मन्दिर जाने को निकली तो घर से उसने कुछ पैसे भी माँगे जिसमे उसने दुकान से ब्लेड खरीदा और प्रतिदिन की भांति बागै नदी के किनारे सुबह शाम पीपल के पेड़ के नीचे शंकर जी के मंदिर में दर्शन करने एवं पूजा करने वहाँ पहुँच गई , करोना से देश को बचाने हेतु देर शाम गायत्री ने शंकर जी के मंदिर में अपनी जीभ काटकर चढ़ा दी आपको बता दे कि गायत्री की चार बहने है और दो भाई है गायत्री अपने घर मे सबसे छोटी है । परिजनो ने एंबुलेंस को सूचना दिया ।
लेकिन एंबुलेंस नहीं पहुंची न ही गांव वालों ने अस्पताल ले जाने का प्रयास किया बालिका वही मंदिर में ही हाथ जोडे खून से लथपथ लेटी है ।
घटनास्थल पर आसपास के ग्रामीणों का जमावड़ा लग गया तथा लोग पैसे चढाने में व्यस्त हो गए बालिका को अस्पताल भिजवाने की किसी ने सुध नहीं ली।
घटना की सूचना पर लमेहटा चौकी प्रभारी बृजेश कुमार घटनास्थल पर पहुंच लोगों के लगे जमावड़े को हटा खून से लथपथ बालिका को एंबुलेंस से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिसंडा भेजा ।