नकल माफियाओं ने प्रमुख सचिव को दी चुनौती

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रायबरेली – शासन की नकल विहीन परीक्षा कराने के बड़े बड़े दावों की पोल खुलती नजर आ रही है, अधिकारियों की सख्ती व कड़े निर्देशों के बावजूद नकल माफिया नए नए हथकंडे अपना कर नकल विहीन परीक्षा कराने के दावों को हवा हवाई साबित कर रहे हैं, कल जिले में नोडल अधिकारी प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा के दौरे के दौरान ही जिले में ऐसा वाकया सामने आया जिससे अधिकारियों के पसीने छूट गए हैं।

पिता के स्कूल में अध्यापक बेटा बना कक्ष निरीक्षक

रायबरेली जिले के डलमऊ तहसील क्षेत्र के गंज बड़ेरवा स्थित किसान इंटर कालेज में उस समय हड़कम्प मच गया जब स्कूल के प्रबंन्ध तंत्र के जिम्मेदार के पुत्र या यूं कहें तो मैनेजर साहब के अध्यापक बेटे सन्तोष यादव ने उसी स्कूल में कक्ष निरीक्षक के रूप में ड्यूटी लगवा ली, मामला खुलने के बाद जिम्मेदारों ने शिक्षक को कार्यमुक्त करके मामले से पल्ला झाड़ने की कोशिश की है।

सोशल मीडिया पर नकल का दावा

रिपोर्ट्स टुडे टीम द्वारा पूरे मामले को जब प्रमुखता से प्रकाशित किया तो कई लोगों वा छात्रों ने विद्यालय में नकल होने के दावे किए, रिपोर्ट्स टुडे उनकी सत्यता प्रमाणित नहीं करता मगर सूत्रों के मुताबिक विद्यालय के पिछले रिकॉर्ड व नकल के दावे करने वाले प्रबंधन द्वारा इस बार भी नकल कराई जा रही है।

बड़ी लापरवाही किसकी ?

सवाल यह है कि ड्यूटी के लिए अध्यापक मांगपत्र से लेकर संस्तुति तक की प्रक्रिया में आखिर किसी जिम्मेदार की नजर क्यों नहीं गयी और सबसे बड़ा दोषी खुद अपने स्कूल में ड्यूटी करने का आदेश पाकर ड्यूटी कटवाने के बजाय ड्यूटी करने में जुट गए, अब तक अध्यापक व विद्यालय प्रबंधन पर कोई कार्यवाही नहीं कि गयी। शिक्षा विभाग की शिथिलता का आलम यह है कि प्रमाण देने मे कोई कोताही नहीं बरत रहा, हद तो तब हो गयी जब जब शिक्षा विभाग अपनी परीक्षा ड्यूटी में प्रबंधक पुत्र के संस्तुति स्वीकार कर लिया, मामले की जानकारी होने के बाद विभागीय अधिकारियों के हाथ-पांव फूलने लगे अधिकारियों ने आनन-फानन कक्ष निरीक्षक को बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी से मुक्त कर कार्यवाही की इतिश्री कर दी है। लेकिन मामले में अभी तक कक्ष निरीक्षक के विरुद्ध कोई भी विधिक कार्यवाही नहीं की गई है।

एसडीएम को मिली सूचना तो मचा हड़कम्प

डलमऊ तहसील क्षेत्र ग्राम सभा गंज बड़रेवा में स्थित किसान इंटर कॉलेज में यूपी बोर्ड हाईस्कूल परीक्षा की प्रथम पाली में अंग्रेजी के पेपर संचालित थे। इसी समय एसडीएम को विद्यालय में नकल कराए जाने की शिकायत मिली मामले में एसडीएम ने केंद्र स्थापक को फोन कर मामले की जांच पड़ताल के लिए निर्देशित किया। जिसके पश्चात विद्यालय में कक्ष निरीक्षक के रूप में तैनात संतोष कुमार यादव के परिवारी जनों के प्रबंधन में संचालित आया गया। इतना ही नहीं विभागीय सूत्रों की मानें तो कक्ष निरीक्षक द्वारा हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा मे विद्यालय के अंदर आवागमन करने की बात सामने आई है। मामले की जानकारी विभागीय अधिकारियों को जैसे ही लगी उनके हाथ पाव फूलने लगे। विभागीय अधिकारियों ने उच्चाधिकारियों की नजरों में पाक साफ साबित करने के लिए कक्ष निरीक्षक को तत्काल बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी से कार्यमुक्त कर कार्यवाही की इतिश्री कर दी है । लेकिन विद्यालय के कक्ष निरीक्षक के विरुद्ध कोई विधिक कार्यवाही नहीं हुई।

किया गया कार्यमुक्त : बीईओ

खंड शिक्षा अधिकारी ने विश्वनाथ प्रजापति ने बताया कि कक्ष निरीक्षक के परिजनों का विद्यालय होने की जानकारी मुझे नहीं थी मामले की जानकारी होने के पश्चात कक्ष निरीक्षक को तत्काल बोर्ड की परीक्षा से कार्यमुक्त कर दिया गया है। इस संबंध में एसडीएम सविता यादव ने बताया कि मामला मेरी जानकारी में नहीं है मामले की जांच कराकर कक्ष निरीक्षक के विरुद्ध विधिक कार्यवाही की जाएगी।

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