गांव में केवल दो हैंडपंप काम कर रहे हैं काम , दिन भर लगी रहती है लम्बी लाईन
राकेश कुमार अग्रवाल
कुलपहाड (महोबा)। विकास खंड जैतपुर क्षेत्र के ग्राम बिहार में पानी के लिए हाहाकार मचा है। गांववासियों के दिन और रातें पानी की जुगाड में बीत रहे हैं।
एक ओर भीषण गर्मी दूसरी पानी की मारामारी बिहार गांववासियों की अग्नि परीक्षा है कि खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। पेयजल संकट से लोग जूझ रहे हैं। चारों ओर पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है। जिससे गांव में पानी को लेकर भयावह स्थिति पैदा हो गई है। लोग एक-एक बाल्टी पानी के लिए कई कई घंटों लाइन में लग कर इंतजार करते हैं। पीने के पानी के लिए पूरा गांव रतजगा कर रहा है।
लगभग 18 सौ आबादी के इस गांव में मात्र दो हैंडपम्प ही पीने योग्य पानी दे रहे हैं। दूसरी ओर अधिकारी और जनप्रतिनिधि गहरी नींद में हैं।
बिहार गांव में कहने के लिए तो लगभग एक दर्जन हैण्ड पम्प है और पम्प हाउस से जलापूर्ति गांव में नलों के द्वारा होती है लेकिन गांव के अधिकतर हैण्ड पम्प खारा पानी देते है और सिर्फ दो हैंडपंपो में पीने योग्य पानी है। गांववासियों के अनुसार पम्प हाउस का सबमर्सिबल पम्प एक माह से फुंका पडा है। जिसकी वजह से नलों में जलापूर्ति नही हो रही है। नहाने धोने और जानवरों के पानी पीने का इकलौता सहारा तालाब था । लेकिन गहरीकरण के चक्कर मे पानी से लबालब तालाब का पानी एक दर्जन पम्पिंग सेट लगा कर निकाल दिया गया है जो नहर के सहारे बह कर बर्बाद हो गया है। भीषण गर्मी में पानी की समस्या बनी हुई है। और गांववासी बूंद बूंद पानी के लिए तरस रहे हैं। गांव के जानवर भी प्यास से तड़प रहे है।
मजदूर वर्ग के लोगों को आर्थिक परेशानियों के साथ-साथ अब पानी के लिए भी भटकना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि पूरा समय पानी के इंतजाम करने में निकल जाता है। मजदूरी नहीं कर पा रहे हैं। जिससे अब परिवार का पालन करना मुश्किल हो रहा है। पानी का इंतजाम करते करते दो बज जाते हैं। और सुबह चार बजे से गांव के बाहर लगे हैंड पम्पों में लाइन लगाना पड़ती है । देर होने और इसके बाद कोई भी काम पर नहीं रखता है। खाने-पीने के भी लाले पड़ रहे हैं। गांव की लीला, तखत रानी, मनोज, रेखा आदि ने बताया कि समय रहते समस्या का निराकरण नही किया गया तो स्थिति भयानक हो जाएगी । वही ग्राम प्रधान प्रतिनिधि प्रह्लाद सिंह राजपूत का कहना है कि लगभग दो हफ्ते पहले ही सबमर्सिबल पम्प खराब हुआ है । प्रबंध किया जा रहा है ।अगर तालाब का पानी न निकलता तो लघु सिंचाई विभाग तालाब का गहरीकरण नही करा पाती।