प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना की जिलाधिकारी ने की समीक्षा

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प्रतापगढ़। जिलाधिकारी डा0 नितिन बंसल की अध्यक्षता में कल सायंकाल कलेक्ट्रेट सभागार में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत गठित जिला स्तरीय समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में सहायक निदेशक मत्स्य/मुख्य कार्यकारी अधिकारी मत्स्य पालक ने बताया है कि केन्द्र पुरोनिधानित प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना भारत सरकार द्वारा 2020-21 से 2024-25 तक की अवधि हेतु लागू की गयी है। योजना में कुल परिव्यय का 60 प्रतिशत केन्द्रांश एवं 40 प्रतिशत राज्यांश है। योजना में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला लाभार्थियों को 60 प्रतिशत एवं अन्य लाभार्थियों को 40 प्रतिशत अनुदान देय हैं। अनुदान के अतिरिक्त परियोजना की शेष धनराशि लाभार्थी अंश है। बैठक में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनान्तर्गत माह जनवरी 2022 में प्राप्त नये आवेदन के आधार पर लाभार्थियों एवं वर्ष 2022-23 की कार्ययोजना का जिला स्तरीय समिति से अनुमोदन लिया गया। परियोजनावार प्रोजेक्ट के सम्बन्ध में बताया गया कि निजी भूमि में तालाब निर्माण पर 7 लाख प्रति हेक्टेयर व निवेश पर 4 लाख प्रति हेक्टेयर परियोजना की लागत है। इसी प्रकार बायोफलॉक निर्माण संवर्धन प्रथम वर्ष निवेश सहित परियोजना की लागत रूपये 14 लाख प्रति यूनिट, वृहद री-सर्कुलेटरी एक्वाकल्चर सिस्टम परियोजना की लागत रूपये 50 लाख प्रति यूनिट एवं मत्स्य बीज हैचरी निर्माण परियोजना की लागत रूपये 25 लाख प्रति यूनिट है।

बैठक में जिलाधिकारी ने निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का अधिक से अधिक पात्र व्यक्तियों को लाभान्वित किया जाये और इसका प्रचार प्रसार कराया जाये। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का लाभ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला लाभार्थियों सहित अन्य पात्र लाभार्थियों को दिया जाये, इसमें किसी भी स्तर पर लापरवाही एवं शिथिलता कदापि न बरती जाये। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ईशा प्रिया, अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) मुकेश चन्द्र, जिला सूचना अधिकारी विजय कुमार सहित अन्य सम्बन्धित अधिकारी उपस्थित रहे।

रिपोर्ट- अवनीश कुमार मिश्रा

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