९००० से अधिक श्रमिक वापस आए
राकेश कुमार अग्रवाल
कुलपहाड (महोबा) । उत्तर मध्य रेलवे के स्टेशनों पर 08 श्रमिक विशेष ट्रेनों के माध्यम से कुल 9278 व्यक्तियों को लाया गया। 47 अन्य पासिंग ट्रेनों को भी उत्तर मध्य रेलवे द्वारा परिचालि किया गया।
प्रयागराज रेलवे स्टेशन 8 घंटे से कम समय में चार श्रमिक स्पेशल ट्रेन को संभालने वाला भारतीय रेलवे का पहला स्टेशन बन गया है।
उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक राजीव चौधरी के अनुसार कुंभ मेला के लिए विकसित आधारभूत संरचना और आयोजन का अनुभव श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के प्रयागराज जंक्शन पर संचालन में काम आया है।
6 मई तक उत्तर मध्य रेलवे से 47 ट्रेनें पास होंगी और अब तक प्रयागराज जंक्शन, आगरा कैंट और कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर 8 टर्मिनेट हुई . उनके अनुसार श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के माध्यम से लगभग 9278 प्रवासियों को लाया गया है।साबरमती – कानपुर , साबरमती -आगरा कैंट , पालनपुर- आगरा कैंट , गोधरा – कानपुर , सूरत – प्रयागराज जं , वीरमगाम प्रयागराज जं, लुधियाना -प्रयागराज जं , सूरत – प्रयागराज जं.
प्रायगराज में कुल 04 ट्रेन
6 मई को कुल 04 ट्रेनें – दो सूरत से और एक-एक वीरमगाम और लुधियाना से प्रयागराज जंक्शन पर आईं . इनके माध्यम से आज उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के कुल 4454 व्यक्ति प्रयागराज पहुंचे।
श्रमिक विशेष ट्रेनें एक मई से प्रारम्भ हुई हैं और किसी एक दिन में मात्र 08 घंटो में 04 आने वाली ट्रेनों को हैंडल करने वाला प्रयागराज भारतीय रेल का पहला स्टेशन बन गया है।
कुंभ-2019 के लिए प्रयागराज जंक्शन स्टेशन के सिटी साइड में 3000 व्यक्तियों की क्षमता वाले चार बड़े यात्री आश्रयों का निर्माण किया गया था और आज प्रवासी यात्रियों की तुलनात्मक रूप से अपेक्षाकृत कम संख्या 600 व्यक्ति प्रति आश्रय तक ही इनका प्रयोग किया गया। इन यात्री आश्रयों में सामाजिक दूरी के मानकों का पालन करते हुए कोविड -19 से संबंधित सभी प्रोटोकॉल को पूरा करने के बाद उनको राज्य सरकार द्वारा निर्धारित रोडवेज बसों में उनके गृह जिलों के लिए रवाना किया गया । इस दौरान सभी 4 यात्री आश्रयों का आने वाले यात्रियों को संभालने के लिए प्रयोग किया गया तथा प्रति ट्रेन 2 आश्रयों का प्रयोग हुआ।