प्राचीन मंदिर बलखंडेश्वर पहाड़ की जमीन को किया जा रहा है तरवाड़ी

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महोबा , में उत्तर प्रदेश सरकार भले ही लाख दावे करके प्रशासन बैठे हुए अधिकारियों को चाहे जितनी हिदायत दे पर जिले में बैठे कर्मचारी और अधिकारी केवल करते हैं अपनी ही मनमानी एवं भू माफिया का करते हैं इतना सहयोग की आने वाले समय में सरकारी जमीन एक बीघा भी देखने को नहीं मिलेगी चाहे वह जमीन ग्राम समाज की हो पर भूमाफिया अपनी पृत्रिक संपत्ति की तरह उपयोग करके उसे कब्जा कर लेते हैं बाद में उसे प्लाटिंग के रूप में बेच देते हैं जैसा की महोबा शहर में मथुरान तलैया सहित कई छोटे तालाब नक्शे से गायब हो गए हैं और भू माफियाओं ने पूरे तालाब में कब्जा करके आलीशान मकान बना लिए हैं ऐसे ही आने वाले समय में कल्याण सागर मदन सागर और कीरत सागर तक लोग कब्जा करने में मशगूल है साथ ही इन जमीनों को तो छोड़िए आजकल भू माफिया प्राचीन मंदिरों को भी नहीं बख्श रहे हैं और उनमें लगी हुई जमीनों को किस तरीके से कब्जा कर रहे हैं एक बंगी देखना हो तो इस वीडियो में देख सकते हैं।

विदित हो कि शहर के के पुराने प्राइवेट स्टैंड से चंद कदमों की दूरी प्राचीन मंदिर बालकांडेश्वर एक प्राचीन पहाड़ पर बना हुआ है इसके इर्द-गिर्द कई बीघा जमीन थी पर भू माफियाओं ने मंदिर की जमीन तो छोड़िए पूरे पहाड़ को निशाना बनाकर पहाड़ का रखवा छोटा कर दिया है वही सुंदरीकरण करने के बहाने बेश कीमती जमीन को हथियाने के लिए पहाड़ के चारों तरफ जल लगाकर सुंदरीकरण के नाम पर लगातार प्रयास जारी हैं।

वही हम आपको बता दे कि भूमि यानी देह कई प्रकार की होती है जिसे राजस्व विभाग भूलेख एवं भू नक्शा में दर्शाने के लिए कोड का प्रयोग करती है इसलिए अधिकांश लोग नहीं समझ पाते की सरकारी भूमि या देह कितने प्रकार की होती,और इसी का फायदा भूमाफिया सैटिंग से उठाते है और सरकार को लंबा चूना लगाते है वनभूमि,बंजरभूमि,स्थाई चारागाह,पशुचरण भूमि,वृक्षो एवं झाड़ियो के अन्तर्गत भूमि,अन्य परती,सामुदायिक क्षेत्र भूमि,धार्मिक न्यास भूमि,को आराम से कब्जा कर ऊंचे दामो मैं कब्जा कर विक्रय कर लेते हैं कृर्षि योग्य भूमि या शुद्ध बोया गया क्षेत्र या एक से अधिक बार बोया गया क्षेत्र दिखाकर खेत की रजिस्ट्री सैटिंग से करवा लेते और उसके बीच कि या अगल बगल की सम्मिलित जमीन को सैटिंग कर आराम से ऊंचे दामो में बेचकर कुछ समय में पंचर जोड़ने वाले सेठ जी बन जाते, ऐसा नहीं की इसका फायदा महोबा में कथित समाजसेवियों ने समाज सेवा के नाम पर जमीन कब्जा कर बेची ना हो, वही और तो और भले योगी सरकार लाख दावे भू माफिया को मिटाने के लिए कर रही हो पर भु माफिया प्राचीन मंदिरों की जमीन चारगाह की जमीन सरकारी जमीन को कब्जा करने में आज भी मशगूल है और लगातार प्रयास कर रहे हैं जिसका जीता जागता उदाहरण बलखंडेश्वर प्राचीन पहाड़ हो रही तरबारी को देख है।

रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल

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