बेरोजगार कुलियों की मदद के लिए आगे आईं संस्थाएं

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राकेश कुमार अग्रवाल

कुलपहाड (महोबा)। कोविड-19 महामारी के चलते इसके प्रसार को रोकने के लिए रेलवे द्वारा बंद की गई सभी यात्री सेवाओ के चलते भुखमरी की कगार पर आए कुलियों व अन्य सहायक कर्मियों के चूल्हे जलाने का बीडा रेलवे के आहवान पर सामाजिक संस्थाओं ने उठाकर उनकी ओर मदद का हाथ बढाया है।

झांसी और ग्वालियर रेलवे स्टेशनों पर दो सैकडा से अधिक कुली के अलावा रेलवे सफाई कर्मी, पोर्टर इत्यादि को हो रही खाद्यान्न संबंधी परेशानियों को ध्यान में रखते हुए रेलवे के अधिकारियों ने सामाजिक संगठनों से उनकी मदद के लिए आगे आने की अपील की थी. क्योंकि लाकडाउन के चलते रेलवे स्टेशनों पर सामान उठाने वाले ”कुली” बेरोजगार हो गये है। ग्वालियर स्टेशन पर करीब 110 लाइसेंसधारी कुली है, जो रोजाना स्टेशन पर आने जाने वाले यात्रियों का सामान उठाकर जीविकापर्जन करते है। अब चूंकि लॉकडाउन के चलते ट्रेने बंद है इसलिये इनके सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है ।

ग्वालियर रेल प्रशासन ने कुलियों, सहायक, सफाई कर्मी, पोर्टर इत्यादि की इस दशा को ध्यान में रखते हुए उनकी मदद के लिए कई स्थानीय समाजसेवी संस्थाओ से संपर्क किया । प्रशासन के इन प्रयासों के फलस्वरूप ऐसे कठिन समय मे कुलियों व अन्य सहायकों के परिवारों को राशन सामग्री देने का बीड़ा गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा उठाया गया है । संस्थाओ द्वारा आटा, दाल, चावल, शक्कर, नमक, मसाले इत्यादि दैनिक जीवन के लिए आवश्यक सामग्रियों का वितरण किया गया । इस दौरान सामाजिक दूरी का पालन किया गया एवं सभी ने चेहरे पर मास्क अथवा गमछे से मुंह व नाक को ढक के रखने के नियम का पालन किया।

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