प्रतापगढ़। विकासखंड मांधाता के लाखूपुर (अमैयामऊ) में केशव प्रसाद मिश्र के यहां संगीतमय श्री शिव महापुराण अमृतकथा का आयोजन हो रहा है।
कथा के चौथे दिन व्यास करुणा शंकर ओझा (कमल जी) महाराज ने शिव पार्वती विवाह का प्रसंग सुनाया। इस दौरान कथा पांडाल में उपस्थित भक्तजन झूम उठे।
शिव महापुराण अमृतकथा में व्यास ने सुनाया शिव-पार्वती विवाह का प्रसंग, झूम उठे श्रोता
इस दौरान कथा व्यास ने अपने मुखार बिंदु से बताया कि सभी लोग आपसी झगड़े भुलाकर शिवजी के विवाह में बने बाराती।
जहां देवता जाते थे, वहां असुर जाने से मना कर देते थे। जहां असुर जाते थे, वहां देवता नहीं जाते थे। शिव पशुपति हैं, मतलब सभी जीवों के देवता भी हैं इसलिए सारे जानवर, कीड़े-मकोड़े और सारे जीव-जंतु महादेव के विवाह में उपस्थित हुए।
यहां तक कि भूत-पिशाच और विक्षिप्त लोग भी उनके विवाह में मेहमान बनकर पहुंचे। उनकी आपस में बिल्कुल नहीं बनती थी, मगर यह तो शिव का विवाह था। इसलिए उन्होंने अपने सारे झगड़े भुलाकर एक बार एक साथ चलने का मन बनाकर शिव बारात में पहुंचे। इस इस दौरान कथा सुनने के लिए आसपास के श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही।
- अवनीश कुमार मिश्रा