मौदहा (हमीरपुर) , मौदहा क्षेत्र के बड़ी आबादी वाले गाँव नायकपुरवा इचौली में पूर्व विधायक युवराज सिंह के हाता में चल रही श्रीमदभगवत ज्ञान सप्ताह के दूसरे दिन की कथा में कथा व्यास पण्डित आनन्द भूषण जी ने भक्तों को बताया कि हिमालय राज की कन्या पार्वती बड़ी होने लगती हैं। पार्वती ने मन में प्रण लिया की वह शिव को पति के रूप में प्राप्त करेंगी। देवता भी शिव को मनाते हैं कि वह पार्वती से विवाह कर लें लेकिन शिव इसके लिए तैयार नहीं हुए। माता पार्वती शिव को प्राप्त करने के लिए कठिन तपस्या करती हैं। भगवान शिव प्रसन्न हो विवाह के लिए तैयार हो जाते हैं। देवताओं , भूत ,पिशाचों को लेकर तन में भस्म लगाए शिव बारात लेकर हिमालयराज के यहां पहुंचते हैं। माता मैना दूल्हे का भेष देखकर डर जाती हैं और पार्वती का विवाह करने से मना कर देती हैं। सभी ने समझाया कि शिव कोई साधरण नहीं हैं, वह तो देवों के देव हैं।
उन्होंने बताया कि मां पार्वती और भगवान शिव का विवाह होता है और देवता पुष्पों की वर्षा करते हैं। अगले प्रसंग में भगवान शिव माता पार्वती को अमर कथा सुना रहे हैं, माता को नींद आ जाती है और उनकी जगह एक तोता हुंकारी भरने लगता है। जब शिव को पता चला तो उन्होंने शुक को मारने के लिए त्रशूल छोड़ दिया। तीनों लोकों में भागता शूक व्यास के आश्रम पहुंचा और उनकी पत्नी के मुख से गर्भाशय में पहुंच गया। जहां वह बारह वर्ष तक रहे और भगवान कृष्ण के आश्वासन के बाद जन्म लिया।परीक्षित बने मधु हर्षराज सिंह इस मौके पर ऋषिराज सिंह, नवीन सिंह, राधे सिंह, नन्हूलाल यादव, अनिल कुमार, सीरज सिंह, बच्चू शिवहरे,चुन्नू सिंह,अमन सिंह, प्रताप सिंह राजेन्द्र नाना, कल्लू, सहित सैकड़ो श्रोताओ ने कथा का आनन्द लिया।
रिपोर्ट- एमडी प्रजापति
भगवत कथा श्रवण से होती है मोक्ष की प्राप्ति पण्डित आनन्द भूषण
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