भगवान गौतम बुद्ध जयंती, बुद्ध पूर्णिमा के रूप में मनाई गई

16

महोबा ,  चरखारी नगर के मोहल्ला खंदिया में अम्बेडकर पाठशाला एवं लाइब्रेरी निरंतर संचालित है  बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर पाठशाला संचालक इन्द्र कुमार कुशवाहा ने बताया कि वैशाख मास की पूर्णिमा को ही दिन भगवान गौतम बुद्ध का लुम्बनी में जन्म हुआ था और पूर्णिमा को बोध गया में बुद्धत्व का ज्ञान मिला था जिससे बुद्ध बने थे और पूर्णिमा के दिन ही सारनाथ में प्रथम धम्म उपदेश देकर बुद्ध धम्म की शुरुआत किया था। और पूर्णिमा के दिन ही तथागत गौतमबुद्ध का कुशीनगर में महापरिनिर्वाण हुआ था। पूर्णिमा को ही भगवान बुद्ध का जन्म, ज्ञान की प्राप्ति, मृत्यु इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा कहते हैं  इन तीनों कारण से ही बुद्ध पूर्णिमा बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है और पूरी दुनिया में बुद्ध पूर्णिमा को बौद्ध महोत्सव के रूप में मनाया जाता है।

गौतम बुद्ध का जन्म लुंबिनी नेपाल में 563 ईसा पूर्व में शाक्य कुल के राजा शुद्धोधन के घर में जन्म हुआ था। और भगवान गौतम बुद्ध का 483 ईशा पूर्व ( 80 वर्ष की आयु में कुशीनगर, भारत में पंच तत्व में विलीन हो गए थे। इनकी माता का नाम महामाया था जो कोलीय वंश से थीं, जिनका इनके जन्म के सात दिन बाद निधन हो गया था, उनका पालन महारानी की छोटी सगी बहन महाप्रजापती गौतमी ने किया। 29 वर्ष की आयुु में सिद्धार्थ विवाहोपरांत एक मात्र प्रथम नवजात शिशु राहुल और धर्मपत्नी यशोधरा को त्यागकर संसार को जरा, मरण, दुखों से मुक्ति दिलाने के मार्ग एवं सत्य दिव्य ज्ञान की खोज में रात्रि में राजपाठ का मोह त्यागकर वन की ओर चले गए। वर्षों की कठोर साधना के तपस्या के पश्चात बोध गया (बिहार) में पीपल बोधि वृक्ष के नीचे उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई और वे सिद्धार्थ गौतम से भगवान बुद्ध बन गए हर्षोल्लास के साथ बुद्ध जयंती मनाई गई जिसमें पाठशाला संचालक इन्द्र कुमार कुशवाहा,हरिचरन, गनेश,राजकुमार राजपूत,दिनेश,रोहित कुशवाहा,नीलम, मुस्कान,प्रिंस रैकवार,नैतिक,कार्तिक सहित छात्र  छात्राएं बच्चे मौजूद रहे इस अवसर पर बच्चों को मिष्ठान वितरित कर हर्षोल्लास के साथ बुद्ध जयंती मनाई गई।

रिपोर्ट- राकेश कुमार अग्रवाल

Click