रायबरेली आईटीआई के कमरा नंबर 404 में रची गई थी सुल्तानपुर डकैती कांड की साजिश

इंडियन टेलीफोन इंडस्ट्री लिमिटेड (आईटीआई) के कमरा नंबर 404 में सुल्तानपुर सराफ डकैती कांड की साजिश रची गई थी। डकैती कांड के मास्टर विपिन सिंह ने साथियों के साथ इसी कमरे में रुककर एक माह से रैकी कर रहा था और फिर डकैती कांड की वारदात को अंजाम दिया था। वारदात के बाद विपिन साथियों के साथ यहां पहुंचकर सोना-चांदी का बंटवारा किया था और फिर सभी अलग-अलग होकर भाग निकले थे। सुल्तानपुर शहर चौक के ठठेरी बाजार में 28 अगस्त को सराफ भरतजी सोनी की दुकान मेंं डकैती की घटना हुई थी। डकैती में शामिल गैंगस्टर विपिन सिंह समेत पांच बदमाशों के पास से पुलिस ने लगभग ढाई किलो सोने के जेवरात बरामद किए गए हैं। अभी भी डकैती का कुछ माल भागे हुए डकैतों के पास है, जिन्हें पकड़ने के लिए टीमें लगातार दौड़भाग कर रही हैं।

पुलिस अधीक्षक सोमेन बर्मा ने बुधवार को प्रेसवार्ता में बताया कि अमेठी के भवानी नगर थाना मोहनगंज का विपिन सिंह शहर के ठठेरीबाजार में भरत जी सोनी की दुकान में पड़ी डकैती का मुख्य साजिशकर्ता था। उसे रविवार को पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर लूटे गए आभूषणों की खोज की जा रही थी। बुधवार को उसकी निशानदेही पर 1.218 किलो सोने के आभूषण बरामद किए गए। इसके अलावा बुधवार की दोपहर करीब दो बजे दूबेपुर मोड़ के पास डकैती में शामिल विपिन के भाई विवेक, अमेठी के सहेमऊ थाना मोहनगंज के विनय शुक्ला, रायबरेली के नया पुरवा निवासी दुर्गेश सिंह और आजमगढ़ के चमरा डीह थाना फूलपुर के अरविंद यादव को गिरफ्तार किया गया है। चारों बदमाश बोलेरो से कहीं भागने की फिराक में थे। इनके पास से करीब 1400 ग्राम सोने के आभूषण बरामद हुए हैं।

विपिन की निशानदेही पर बरामद किया सोना
बताया जा रहा है कि सुल्तानपुर पुलिस और अयोध्या की एसओजी टीम बुधवार को विपिन को लेकर आईटीआई फैक्टरी स्थित कमरा नंबर 404 पहुंंची। कमरा से पुलिस ने सोना बरामद किया और फिर विपिन को लेकर सुल्तानपुर लौट गई। अब देखना ये है कि सुल्तानपुर पुलिस सोना बरामदगी कहां से दिखाती है। रायबरेली जिले की पुलिस आईटीआई स्थित कमरे से सोना बरामदगी की खबर से बेखबर रही।

आईटीआई की सुरक्षा में सेंध, आरडी सिंह के नाम था कमरा
आईटीआई फैक्टरी बदहाली के दौर से गुजर रही है। मौजूदा समय में यहां पर अधिकारियों व कर्मचारियों का कम रहना होता है। आईटीआई रिटायर अधिकारियों व अन्य अधिकारियों को किराए पर यहां कमरा आसानी से मिल जाता है। खास बात ये है कि जिन लोगों को कमरा आसानी से मिलता है, वह पैसा कमाने के चक्कर में दूसरे लोगों को कमरा दे देते हैं। पुलिस सूत्रों का दावा है कि विपिन सिंह और उसके गैेंग के सदस्य जिस कमरे में ठहरे थे, वह कमरा किसी आरडी सिंह नामक व्यक्ति के नाम पर एलॉट है। इस प्रकरण के बाद जाहिर हो गया है कि आईटीआई फैक्टरी अपराधियों का अड्डा बन गया है। खास बात ये है कि यहां पर सुरक्षा भी रहती है। एक माह तक अपराधी यहां पर ठहरे रहे और उसकी भनक स्थानीय पुलिस को भी नहीं लगी। यह जिले की आम जनता की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा सवाल है। अपर पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार सिन्हा ने बताया कि आईटीआई फैक्टरी से सोना बरामद करने की जानकारी तो नहीं है, लेकिन यदि आईटीआई फैक्टरी में सोना बरामद हुआ है यह तो सुरक्षा को लेकर चिंता का विषय है। स्थानीय पुलिस को आईटीआई की सुरक्षा को लेकर सतर्क किया जाएगा। ऐसे अपराधियों की निगरानी भी कराई जाएगी।

Click