रेलवे चिकित्सा कर्मियों के लिए करने जा रहा एन – 95 मॉस्क का उत्पादन

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राकेश कुमार अग्रवाल

कुलपहाड (महोबा)। उत्तर मध्य रेलवे अब स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एन ९५ माॅस्क का उत्पादन करने जा रहा है।

गौरतलब है कि उत्तर मध्य रेलवे नियमित रूप से लगभग 200 मालगाड़ियाँ और 18 पार्सल गाड़ियों के संचालन के साथ ही, कोविड -19 महामारी से लड़ने के लिए रीयूज़ेबल कवर, सैनिटाइज़र, कवरॉल आदि महत्वपूर्ण वस्तुओं को बनाने जैसी तमाम महत्वपूर्ण पहल की हैं। उत्तर मध्य रेलवे अब तक 1.5 लाख से अधिक रीयूज़ेबल फेस कवर, 8000 लीटर सैनिटाइजर और 1500 कवरऑल का उत्पादन कर चुका है। अब उत्तर मध्य रेलवे अपने चिकित्सा कर्मियों के लिए एन 95 मास्क का अपने आंतरिक स्रोतों से उत्पादन की शुरुआत करने जा रहा है। उल्लेखनीय है कि एन 95 मास्क स्वास्थ्य कर्मियों के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण पीपीई आइटम है।

उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे के अधिकारियों को वीडियो कॉन्फ्रेंस मे संबोधित करते हुए महाप्रबंधक राजीव चौधरी ने संबंधित इकाइयों से एन 95 मास्क के आंतरिक स्रोतों से उत्पादन की दिशा में कार्य करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे ने कवरॉल के उत्पादन में उत्कृष्ट काम किया है और एन 95 फेसमास्क का आंतरिक स्रोतों से उत्पादन कोविड -19 महामारी के खिलाफ इस राष्ट्रीय लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।

वर्तमान में चल रही लॉकडाउन स्थितियों के यह अति आवश्यक है कि आवश्यक रेल संचालन और रेल संपत्तियों का सामाजिक दूरी के मानकों का पालन करते हुए समुचित अनुरक्षण किया जाए ताकि ना सिर्फ संरक्षा के निर्धारित मानदंडों का अनुपालन सुनिश्चित हो सके बल्कि भविष्य के लिए भी अनुरक्षण गतिविधियों का कोई विशेष एरियर ना बचा रहे। उत्तर मध्य रेलवे नित नए नवाचारों का प्रयोग कर रहा है। उत्तर मध्य रेलवे की कुछ महत्वपूर्ण पहलों में अनिवार्य कोर्सों के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम, ई-ऑफिस का उपयोग करके आधिकारिक कार्य का निर्वहन, निविदाओं को ऑनलाइन तरीके से फाईनल करना, महत्वपूर्ण कार्यों की पहचान करना और क्रियान्वयन की योजना बनाना, विभिन्न ऑटोमेटिक प्रणालियों और ट्रैक रिकॉर्डिंग मशीनों से प्राप्त इनपुट के आधार पर परिसंपत्तियों का रखरखाव, ड्राइंग को ऑनलाइन तरीके अंतिम रूप देना, नए सेक्शन खोलने और गति बढ़ाने से जुड़े भविष्य के कार्यों की सीआरएस स्वीकृति के डाक्यूमेंट तैयार करने, कार्यालय के रिकॉर्ड के डिजिटलीकरण, ऑनलाइन शिकायत निवारण व्यवस्था, अस्पतालों में ऑनलाइन परामर्श सुविधा आदि काम शामिल हैं।

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