रेलवे ने 27000 माॅस्क बांटे रेलकर्मियों को

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४७०० किमी. रेलवे ट्रैक का किया गया परीक्षण

राकेश कुमार अग्रवाल
कुलपहाड (महोबा) । झांसी रेल मंडल में लगभग 27000 मास्क का इन हाउस उत्पादन हो चुका है जिन्हें विभिन्न विभागों में कार्यरत मंडल के रेल कर्मचारियों को वितरित किया जा रहा है ताकि वे अपना कार्य पूर्ण सुरक्षा के साथ संपन्न कर सके। मास्क के साथ साथ मंडल में सैनीटाइजर का भी उत्पादन किया जा रहा है, जिसे सभी कार्यालयों, कारखानों, स्टेशनों इत्यादि पर कर्मचारियों के इस्तेमाल के लिए दिया जा रहा है । इसके अलावा मंडल में सभी कार्य स्थलों पर सामाजिक दूरी एवं संरक्षा के अन्य सभी मानको का पालन किया जा रहा है । अलग अलग स्थानों पर कार्यं के दौरान डॉक्टरों द्वारा कर्मचारियों की जांच भी की जा रही है ।

मंडल रेल प्रबंधक श्री संदीप माथुर के अनुसार कैरिज एवं वैगन विभाग द्वारा आइसोलेशन कोच, हैंडस फ्री हैंड वाशबेसिन, मास्क, सैनीटाइजर इत्यादि का उत्पादन,कोचों का नियमित परीक्षण, हॉस्पिटल के लिए बेडरोल की व्यवस्था, नियमित रूप से ट्रेनों का सैनीटाइजेशन का वीडियो जारी किया गया है ताकि कर्मचारियों को बेहतर करने के लिए जानकारी मिल सके. उन्होने बताया कि रेलवे ट्रैक से संबंधित अनुरक्षण कार्यो को करने के लिए इंजीनियरिंग विभाग द्वारा अक्सर ब्लॉक लिए जाते है जिससे यात्री गाड़ियों का संचालन प्रभावित होता है । परंतु लॉकडाउन के दौरान यात्री गाड़ियों का संचालन न होने से इंजीनियरिंग विभाग द्वारा मंडल में 107.85 किमी के ट्रैक पर बलास्ट क्लीनिंग मशीन द्वारा ट्रैक मैंटेनेंस की जा चुकी है। ट्रैक के संरक्षा को ध्यान में रखते हुए अल्ट्रासोनिक फ्ला डिटेक्शन तकनीक द्वारा पटरियों की जांच की जा रही है, अब तक 770.52 किमी ट्रैक की जांच की जा चुकी है, ट्रैक में किसी भी प्रकार के दोष का पता लगाने के लिए मंडल में 4660 किमी की आसिलेशन मॉनिटरिंग सिस्टम द्वारा जांच की जा चुकी है, मंडल में 103 ब्रिज का नियमित तकनीकी परीक्षण किया जा चुका है इसके अलावा मंडल में रेल पटरियों को अधिक टिकाऊ बनाने के लिए पटरियों के नीचे गिट्टी को पैक (या टैम्प) करने के लिए 346.35 किमी के ट्रैक की तथा 179 टर्नआउट की टैम्पिंग की जा चुकी है ।

मंडल रेल प्रबंधक ने बताया कि सभी कार्यो के दौरान कर्मचारियों द्वारा मास्क,सेनेटाइजर एवं साबुन का इस्तेमाल करते हुए सामाजिक दूरी के नियमो का पालन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि रेल प्रशासन आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने हेतु विजयनगरम से आदर्शनगर के मध्य एक पार्सल गाडी का परिचालन कर रहा है । इसमें एसएलआर-02, पार्सल वैन-10 समेत कुल 12 रैक हैं।

राज्य सरकारों के अनुरोध पर प्वाइंट टू प्वाइंट आधार पर श्रमिक विशेष ट्रेनों का संचालन किया जा रहा है। जिसमें सवारियों को मार्ग के किसी भी स्टेशन पर उतरने और चढ़ने की अनुमति नही है।

5 मई तक उत्तर मध्य रेलवे ने 31 थ्रू पासिंग ट्रेन चलाई हैं और 04 टर्मिनेटिंग ट्रेन द्वारा आगरा कैंट और कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर 4824 यात्रियों को लाया गया है।

श्रमिक विशेष ट्रेनें राज्यों की पूर्व सहमति और पहले ही पहचान किए गए और स्क्रीन किए गए यात्रियों के लिए चल रही हैं। ये ट्रेनें पॉइंट टू पॉइंट आधार पर चल रही हैं अत: इन ट्रेनों में किसी भी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों को चढ़ने या उतरने की अनुमति नहीं है। मुख्य सिग्नल इंजीनियर नीरज यादव ने उत्तर मध्य रेलवे में 455 स्टेशनों पर स्थापित आईपीएस प्रणाली के अनुरक्षण के संबंध में एक वेबिनार का आयोजन किया इसमें उत्तर मध्य रेलवे के इन स्टेशनों के आईपीएस के ओरिजिनल इक्विपमेंट मैंयूफैक्चरर शामिल हुए। उत्तर मध्य रेलवे के प्रमुख मुख्य संकेत एवं दूरसंचार इंजीनियर श्री अरुण कुमार भी इस संगोष्ठी में शामिल हुए। इस सेमीनार में 219 प्रतिभागियों ने भाग लिया और सेमिनार में आईपीएस की विश्वसनीयता में सुधार के लिए बहुमूल्य जानकारी दी गई।

उनके अनुसार अब इंडियन रेलवे वर्क्स कॉन्ट्रैक्ट मैनेजमेंट सिस्टम (IRWCMS) को भी उत्तर मध्य रेलवे पर लागू कर दिया गया है। इसके तहत ऐग्रीमेंट पर ऑनलाइन हस्ताक्षर करने, कार्य की प्रगति की निगरानी, मापन आदि ऑनलाइन होने से दक्षता, पारदर्शिता और सबसे महत्वपूर्ण सामाजिक दूरी के मानकों का पालन संभव होगा .स्टाफ शिकायत निवारण के लिए उत्तर मध्य रेलवे के तीनों मंडलों में वीडियो कॉल / कॉन्फ्रेंस आधारित व्यवस्था और डॉक्टर के साथ ऑनलाइन परामर्श आदि सुविधा आदि को लागू किया गया है। सभी बैठकें पहले से ही वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से की जा रही हैं।

ऑनलाइन माध्यम से रिफ्रेशर और अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं एवं प्रतिभागियों के मूल्यांकन की व्यवस्था भी ऑनलाइन की जा रही है । ई-ऑफिस को तीनों डिवीजनों और मुख्यालय में लागू कर दिया गया है। रेलनेट के बिना ई-ऑफिस का उपयोग करने के लिए अब रेल कर्मचारियों को वीपीएन कनेक्शन प्रदान किया गया है और वे घर से काम करते हुए ई-ऑफिस एप्लिकेशन को चलाने के लिए किसी भी इंटरनेट कनेक्शन का उपयोग कर सकते हैं। एक इलेक्ट्रॉनिक ड्राइंग मेकिंग, एडिटिंग, प्रोसेसिंग और अप्रूवल प्लेटफॉर्म ई-डास सभी रेलों पर लागू किया जा रहा है। इसको पूर्ण रूप से लागू करने के लिए आवश्यक प्रारंभिक कार्य, प्रशिक्षण और हार्डवेयर की व्यवस्था तेजी से की जा रही है।

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