वट सावित्री पूजन के दिन इंद्रदेव ने सुहागिनों की ली परीक्षा, काले बादल, घनघोर बारिश भी नहीं रोक सके पूजा करने से सुहागिनों को

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रायबरेली

जनपद में वट सावित्री पूजा के लिए सुहागिनों में सुबह से ही उत्साह देखने को मिला पर सुबह से ही बादल छाए रहे उसके बाद अचानक अंधेरा छा गया घनघोर बारिश के बीच सुहागिनों का बरगद के पेड़ तक पहुंच पाना दूभर हो गया पर सुहागिनों ने हिम्मत नहीं हारी और छाता लेकर बरगद के पेड़ तक पहुंची। वहीं सुहागिनों ने पूजा के बाद बरगद के पेड़ के साथ सेल्फी भी ली। प्रकृति, धार्मिक आस्था व मानव के अटूट बंधन, सौभाग्य की वृद्धि एवं भारतीय संस्कारों के प्रतीक वट सावित्री व्रत-पूजन पूरे जनपद में किया जा रहा है महिलाओं द्वारा। सत्यवान सावित्री की कथा प्राचीन भारत की ऐसी कथाओं में से एक है, जो भारत की पवित्रता को दर्शाती है। इसी कथा को आधार मानकर आज के दिन स्त्रियां वट सावित्री का व्रत को विधान की साथ करती हैं। वट सावित्री व्रत कथा सत्यवान सावित्री की कथा से प्रेरित है।

अनुज मौर्य/मनीष श्रीवास्तव रिपोर्ट

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