सतना । मझगवां वन परिक्षेत्र अन्तर्गत चितहरा बीट के कुसियरा जंगल मे एक नर बाघ का मिला शव, शव दो दिन पुराना लग रहा है, वन विभाग की टीम जांच पड़ताल में जुटी। यह आशंका जताई रही हैं कि दो नर बाघों के बीच वर्चस्व की लड़ाई में हुई बाघ की मौत, शव का आज पीएम करवाने के बाद वन अमले ने किया दाह संस्कार।
मझगवां वन परिक्षेत्र अंतर्गत चितहरा के जंगल मे एक बाघ की मौत हो गई है, बाघ का शव जंगल मे पड़ा होने की सूचना मिलने के बाद हरकत में आये वन अमले ने उसे वहां से उठवाया और पीएम कराकर उसका दाह संस्कार कर दिया है , बताया गया कि टाइगर करीब 3 वर्ष का है, शव देख कर यह अंदाजा लगाया जा रहा है कि टाइगर की मौत दो से तीन दिन पहले हुई है, बाघ के शरीर पर पंजे और दांत के निशान थे, जिससे वयस्क बाघ की मौत दो बाघों के बीच हुए संघर्ष में होने से बताई जा रही हैं, हालांकि वन अमला पूरी जांच पड़ताल करने में जुटा हुआ है, जानकारी के मुताबिक पन्ना टाइगर रिजर्व के बाघो का विचरण यहां पर रहता है, बाघ अक्सर मझगवां और आसपास के क्षेत्र में देखे जाते है, पन्ना में टाइगर रिजर्व फारेस्ट और नेशनल पार्क है, कई बार बाघ वहां से माइग्रेट हो कर मझगवां के जंगलों में आते रहते हैं, इसके अलावा उत्तर प्रदेश रानीपुर वन जीव अभयारण्य तथा यूपी का ही अन्य जंगली इलाका भी मझगवां के जंगलों से जुड़ा हुआ है, यहां का क्लाइमेट भी बाघों के अनुकूल पाया जाता है, पिछले काफी समय से इस क्षेत्र में आधा दर्जन बाघों की आहट सुनाई पड़ रही जिनमे से फिर एक बाघ की मौत हो गई , बता दे कि इसके पहले भी पिछले चार सालों में चार बाघों की मौत हुई है, दो ट्रेन की टक्कर से मौत के आगोश में जा चुके हैं तो एक को शिकारियों ने करेंट लगाकर मौत के घाट उतारा था। अब फिर एक नर बाघ की मौत हुई है, माना जा सकता है कि यंहा का वन अमला जंगल के राजा कि सुरक्षा करने मे सक्षम ही नही है।