सिल्ट सफाई के नाम पर तालाब को मशीनों से करवाया खाली

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हैंडपंप रीते, दो किमी. दूर से पानी लाने को विवश महिलाएं

राकेश कुमार अग्रवाल / वरिष्ठ संवाददाता

कुलपहाड (महोबा)
जैतपुर विकास खंड का ग्राम बिहार भीषण गरमी में गंभीर पेयजल संकट से जूझ रहा है। गांव के तालाब में लबालब पानी था लेकिन सिल्ट सफाई के नाम पर मशीनों से तालाब का पानी खाली कर दिया गया। जिससे गांव में लगे हैंडपंपों ने पानी देना बंद कर दिया है।

गांव की महिलाओं की जैसे शामत आ गई है उन्हें भीषण गरमी में 2 किलोमीटर दूर से पानी ढोने को विवश होना पड रहा है। गांव की महिलायें प्रशासन को जमकर कोस रही हैं । पानी की समस्या से आजिज तमाम ग्रामीणों ने पलायन करना शुरू कर दिया है।
जिले में गंभीर जल संकट से जूझने वाले टाॅप टेन गांवों में शुमार बिहार में इन दिनों तालाब की खुदाई का काम जारी है। लघु सिंचाई विभाग के ठेकेदार ने ग्रामीणों की आपत्ति के बावजूद दर्जनभर मशीनें लगवाकर तालाब का सारा पानी बहा दिया। इसी तालाब में ट्यूबवेल लगाकर गांव की पांच हजार की आबादी को पेयजलापूर्ति की जाती है।

गांव के गौरीशंकर, शिवपाल सहित तमाम ग्रामीण कहते हैं कि गांव में लगे दर्जन भर हैंडपम्पों पर ही पानी के लिए गांव के लोग निर्भर थे। पर अब 75 फीसदी भरे तालाब का पूरा पानी भीषण संकट के दिनों में सिर्फ इसलिए बहा दिया गया कि ठेकेदार का फायदा हो जाए।

बिहार ग्राम की मालती, नंदिनी, सायना, व गौरी कहती हैं कि अब गांव के बाहर स्थित कुएं से पानी ला रहे हैं जो डेढ़ किलोमीटर दूर है। महिलाएं आशंकित हैं यदि आषाढ़ माह के अंत तक पानी न बरसा तो भूजलस्तर ओर नीचे चला जाएगा और तब तक पानी के लिए वह इतने दूर तक जाती रहेंगीं ।भले ही स्कूल कॉलेज बंद हो पानी की समस्या से दो चार हो रहे तमाम गांववासी जैतपुर में किराए के मकान में शिफ्ट हो रहे हैं।

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