सरयू स्नान घाट पर प्राइवेट नाविक का अतिक्रमण जारी

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अयोध्या:———
सावन झूला मेला 2022 की खास रिपोर्ट
मनोज तिवारी ब्यूरो रिपोर्ट अयोध्या
यही कहावत चरितार्थ हो रही है सरयू स्नान घाट पर एक तरफ प्रशासन द्वारा सरयू स्नान घाट पर दूरदराज से आए दर्शनार्थियों एवं स्नार्थियो को जहां बेहतर सुविधा उत्तर प्रदेश सरकार माननीय योगी आदित्यनाथ जी द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है वहीं दूसरी तरफ प्रशासनिक व्यवस्था को ध्वस्त करते हैं सरयू स्नान घाट पर प्राइवेट नाविक का अतिक्रमण जारी है।
शासन सत्ता का झंडा लगाए हुए यह प्राइवेट नाव चालक आए दिन सरयू स्नान घाट पर लगाए गए जल बैरिकेडिंग को ध्वस्त करके तोड़ दे रहे हैं जिससे स्नार्थी एवं श्रद्धालु जल बैरिकेडिंग के बाहर स्नान करने पर मजबूर हैं।
सोचने वाली बात यह है कि वर्तमान शासन का झंडा लगाकर प्राइवेट नाव चालक श्रद्धालुओं की जान जोखिम में डाल रहे हैं क्या इस झंडे के आगे अयोध्या प्रशासन नतमस्तक है ।
एक तरफ प्रशासन लाख दावे और वादे कर रही है स्नार्थियों एवं श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने की वहीं दूसरी तरफ जल पुलिस की तैनाती होते हुए भी आखिर इन प्राइवेट नाव चालकों की मनमानी क्यों चल रही है।
यह एक सोचनीय प्रश्न है
आइए कुछ वीडियो के जरिए आपको अयोध्या की आव्यवस्थाओं दिखाते हैं
एक तरफ यात्रियों की सुरक्षा के लिए जल पुलिस सदैव मुस्तैदी से तैनात है वहीं दूसरी तरफ प्राइवेट नाव चालक उसी व्यवस्था को ध्वस्त करते दिखाई पड़ रहे हैं पूरे घाटों पर इन्हीं का कब्जा रहता है स्नार्थी स्नान करने कहां जाएं।
नया घाट प्रशासन आखिर इन प्राइवेट नाव चालकों पर मेहरबान क्यों हैं आए दिन आसपास के कई जिलों से नावों के पलटने और यात्रियो के डूबने की घटना सुनने को मिलती है लेकिन जब कोई गंभीर घटना घट जाती है तब प्रशासन के कान पर जूं रेंगता है ।
यहां तक प्राइवेट नाव चालक पत्रकार को भी धमकाने से पीछे नहीं रहते हैं और देख लेने की धमकी भी दे देते हैं।
अन्नू माझी, शंकर ,अजय माझी ,जैसे तमाम ऐसे दबंग नाविक है जो अपने आपको नया घाट चौकी प्रभारी का खास बताते हुए नहीं मानते हैं शासन व प्रशासन के आदेश को।
कुछ नाविक ऐसे भी हैं जो शराब के नशे में भी वोटिंग कराने से पीछे नहीं रहते हैं आए दिन कई घटनाएं ऐसी हो रही हैं। अभी कुछ वर्षों पूर्व सरयू नदी में श्रद्धालुओं से भरी एक नाव पलट गई थी जिसमें कई श्रद्धालुओं की जान भी चली गई थी और स्थानीय नाविक भी डूब कर मर चुका है।एक तरफ सरयू का जलस्तर खतरे के निशान को छूने को आतुर है वहीं दूसरी तरफ श्रद्धालुओं के जान के साथ खिलवाड़ करने वाले यह नाविक अभी भी अपना अतिक्रमण जमाए हुए हैं सरयू स्नान घाट पर।
आखिर ऐसे प्राइवेट नाव चालकों को किस का संरक्षण प्राप्त है शासन या प्रशासन का।उच्च अधिकारी अगर गंभीरता से इसकी जांच कराएं तो सारी हकीकत सामने आ सकती है कि आखिर ऐसे दबंग नाविकों पर प्रशासन का लगाम क्यों नहीं लग रहा है और यह क्यों नहीं मानते हैं प्रशासन के आदेश को।श्रद्धालुओं की सुरक्षा की व जिम्मेदारी अब भगवान श्री राम के भरोसे।

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