हाड़ तोड़ ठंड में अन्ना मवेशियों से किसान हो रखे हलकान

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मौदहा हमीरपुर। बड़ी संख्या में अन्ना मवेशियों को संरक्षण केन्द्रों में बंद करने के बाद अधिकतर किसानों ने राहत की सास ली वही वन रोझ व सैकड़ो की संख्या समूह के साथ किसानों के खेतों की खड़ी फसल को घण्टो में चट कर किसानों के अरमानों में न सिर्फ पानी फिर रहा है बल्कि फसले उजड़ने से वह भुखमरी की कगार पर है।
खास कर मौदहा तहसील क्षेत्र के महोबा व बाँदा सीमा वर्ती गावो के किसान को सबसे अधिक समस्या को झेलना पड़ रहा है।


इचौली गांव निवासी संजय तिवारी ने बताया कि उनके खेत जिगनौडा गांव मौजे में है यहां लगभग चार से पाँच सौ वन गाएं साथ समूह में रहती हैं और जिधर भी जाती हैं किसानों की फसले चौपट कर देती है जिसमें लाही, मसूर, सरसो की फसल उक्त वन गौ ने चट कर दी है ईसी गांव का निवासी रंजीत प्रजापति ने बताया कि अन्ना मवेशियों को तो नियंत्रित कर लिया गया लेकिन जो गाय जंगली है उनके नियंत्रण करने के लिए सरकार कोई उपाय नहीं कर रही है जिसे सैकड़ों की संख्या में वह हमला करती हैं और खेती चट कर जाती है और लोगों को खदेड़ के मारती है लगभग 70 बीघा खेत उसके उसकी खड़ी फसल यह चट कर गयी हैं इचौली गांव निवासी रज्जन पाण्डेय व यहीं के दिनेश प्रजापति ने बताया कि बीते 1 माह से फसलों की रखवाली में दिन रात लगे हैं तारवाड़ी भी किए हैं और मडईया डालकर रातों दिन खेतों की रखवाली करते हैं लेकिन यह जंगली गांय के समूह बेधड़क फसलों पर हमला करते हैं इनको खदेड़ने का प्रयास किया जाएगा तो कमजोर पड़ने पर खुद निशाना बन जाते हैं और जान बचाकर भागना पड़ता है यह कई किसानों को घायल कर चुके हैं सरकार से मांग की है कि उन्हें उनकी फसलों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है कि उनको भी नियंत्रित करने के प्रयास किया जाए यही स्थिति मवइया,छिरका, भवानी, रतवा, खण्डेह आदि गांव में भी यही हाल है।

एमडी प्रजापति रिपोर्ट

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