अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस धरातल पर कुछ और कागजों में कुछ और

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*प्रतापगढ़ ब्रेकिंग*
*अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर तरह तरह के आयोजन आज हो रहे हैं लेकिन इसकी वास्तविकता कुछ और और करनी में जमीन आसमान का फर्क है*
*वैसे तो मजदूरो श्रमिकों के लिए बहुत सी कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं केंद्र व प्रदेश सरकार के द्वारा लेकिन बिचौलिए इन के हक पर डाका डाल रहे हैं*
*वैसे मंच और माइक पर श्रमिकों मजदूरों के लिए बहुत लंबे लंबे कसीदे पढ़े जाते हैं लेकिन धरातल पर बहुत अलग देखने को मिल रहा है*
*वास्तविकता से कोसों दूर श्रमिकों मजदूरों को हक और न्याय दिलाना*
*गांव से लेकर शहरों तक इनके कंधे पर ही बड़े लोगों के धंधे बिजनेस सरकारी योजनाएं लेकिन इसमें भी बड़ा खेल*
*कहने के लिए बहुत से संगठन इनके लिए हैं सरकारी कार्यालय इन के लिए लेकिन इनके हक और अधिकार की बात करके न्याय दिलाने की बात करने वाले केवल मीडिया तक सीमित है*
*लेकिन मौके पर बात कुछ और होती है धरातल पर बात कुछ और देखने को मिलती है*
*श्रमिकों मजदूरों की सच्ची दास्तां की अलग लेखनी के माध्यम से बयां करती है*
अवनीश कुमार मिश्रा प्रतापगढ

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