अपनों और अपने देश की खातिर खुद को सुरक्षित रखने की देनी होगी कुर्बानी – साध्वी समाहिता

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वात्सल्य ग्राम, वृंदावन। संपूर्ण विश्व के धरातल पर विपत्ति आई है। जो आसमान में उड़ रहे थे, वह सब धरातल पर हैं। जीवन के धरातल पर जीवन से लड़ते हुए मौत की दहशत चारों तरफ फैली हुई है। हर व्यक्ति मौत के तांडव से वाकिफ हो चुका है। कहीं भी कभी भी किसी भी वक्त किसी को भी मृत्यु की उस भयावहता से आमना-सामना करना पड़ सकता है।

महाकाल ने अपना बिगुल बजा दिया है। अनदेखे सूक्ष्म से वायरस ने पूरे विश्व को हिला दिया है। मानवता सोचने पर मजबूर हो गई है। मनुष्यता हाहाकार कर रही है। आदमी, आदमी से भयभीत हो रहा है। आदमी को आदमी नहीं सुहा रहा है। यह कैसी स्थिति है। यह कैसा समय है। क्या आपने अपने जीवन काल में ऐसा समय देखा था या ऐसे समय की कल्पना की थी। छोटे से छोटा और बड़े से बड़ा कहलाने वाला व्यक्ति भय के मारे अपने ही घरों में कैदी बनकर रह गया है। वह चाहता तो है पहले जैसी जिंदगी फिर लौट आए, परंतु क्या यह संभव हो सकेगा। स्थिति दिन पर दिन बद से बदतर होती जा रही है।

प्रतिदिन कोरोना वायरस संक्रमितों की संख्या बढ़ती जा रही है। हर कोई त्रस्त हो चुका है। मजदूर वर्ग से लेकर साधारण किसानों तक कामकाजी लोगों से लेकर दैनंदिन जीवन में संघर्ष करते हुए लोगों तक। इस समय सिर्फ जिंदगी को बचाने की जद्दोजहद दिखाई पड़ती है।

इस कोरोना नामक महामारी से बचने के लिए क्या-क्या उपाय किए जा रहे हैं। अपनी-अपनी बुद्धि विवेक के अनुसार एक दूसरे को लोग समझा रहे हैं, सलाह दे रहे। पर जो सलाह दे रहे हैं समझा रहे हैं या दिन-रात सेवा में डटकर खड़े हैं वह भी कहीं ना कहीं जीवन और मृत्यु से संघर्ष कर रहे हैं। हर पल जीत रहे हैं, पर मृत्यु के अज्ञात भय से भयभीत होकर कोई उन्हें सम्मानित कर रहा है, कोई उन पर पुष्प वर्षा कर रहा है, कोई उन्हें अवार्ड दे रहा है। पर सबसे बड़ा अवार्ड सबसे बड़ा सम्मान तो तब मिलेगा, जब हम सब मिलकर यह कोरोना के खिलाफ जंग को जीत जाएंगे।

जिस दिन मेरा भारत फिर से पहले की तरह मुस्कुराएगा। फिर से विकास की सीढ़ी चढ़ता चला जाएगा। फिर से बड़े-बड़े आक्रामक देशों को चुनौती देगा। फिर से बड़े-बड़े निर्णय और समाधान प्रस्तुत करेगा। फिर से अपनी उड़ान भरेगा। उस समय कोरोना वारियर्स को सच्चा अवार्ड मिलेगा। उसको देने के लिए और पाने के लिए हम सब को एक और कुर्बानी देनी होगी और वह है अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए खुद को पूरा समय देने की कुर्बानी, अपने ही घर में रहकर के अपनों के लिए जीने की कुर्बानी। देश तभी आगे बढ़ेगा जब हम रुके रहेंगे। हम ठहरे रहेंगे। हम ध्यान रखेंगे। हम विवेकवान बनेंगे। हम सभी धैर्य से काम लेंगे, तो इस जंग को जरूर जीतेंगे। आप सभी स्वस्थ रहें, सुरक्षित रहें। अपने आप को सुरक्षित रखने का हर प्रयास करें। क्योंकि आपकी सुरक्षा हमारे देश की सुरक्षा होगी। आप सभी देश के सैनिक हैं और आपकी जिंदगी की रक्षा करना आपका परम कर्तव्य है।

जय श्री राम

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