रिपोर्ट – मोजीम खान
मोहनगंज (अमेठी) -एक समय था जब लोग मजबूरी में भीख मांगते थे। भीख मांगते समय उनकी भाषा जहां मार्मिक होती थी तो वहीं उनकी आंखों में लाचारी और शर्म का भाव होता था। लोग मजबूरी में भिक्षा मांगने जाते थे तो निगाह शर्म से नीचे करके केवल उतनी ही भिक्षा मांगते थे जितने में उनका गुजारा हो जाये। लेकिन आज के इस समय में भिक्षा एक व्यवसाय बन गया है। लोग मजबूरी में नहीं फायदे के लिये भिक्षा मांग रहे हैं। हद तो तब होती है जब भिक्षा मांगने वाले लोग शर्म से निगाह नीचे करने के बजाए अकड़ के साथ जोर जबरदस्ती करके पैसे मांगते हैं। इतना ही नहीं, कई बार तो भिखारी भिक्षा मांगते समय ऐसे शब्दों का इस्तेमाल करते हैं जिनको सुनने के बाद गुस्सा तक आ जाता है। कई भिखारी तो भिक्षा नहीं देने पर गाली गलौज करने पर अमादे हो जाते हैं। हालात इतने तक खराब है कि आजकल भिखारी भीख मांगते हुए खुद जलालत महसूस करने के बजाए देने वालों को ही जलील कर देते हैं।
भिखारी इसके लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, उनमें ये आपने अक्सर सुने होंगे। जिसे मालिक ने दिया है वही देगा। जो दाता है और देने वाला है वह तो बुलाकर देता है। जो खुद नहीं खा सकते वह भला किसी को क्या खिलायेंगे आदि शब्दों के जरिए ये लोगों को परेशान करते हैं।
आज वह सभी लोग, जो रोज सड़कों पर चलते हैं, अच्छी तरह से जानते हैं कि भीख मांगना आज एक पेशा बन गया है। कानून होने के बावजूद भी भीख मांगने पर रोक नहीं लग रही है। इसलिए क्योंकि जन सहयोग के बाद ही भारत भिखारी मुक्त देश बन सकता है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक एक भिखारी लगभग 1000 रुपए तो कमा ही लेता है और त्यौहार के दिनों में वह लगभग 1500 रुपए से लेकर 2000 तक कमा लेता है५ यह आंकड़े दर्शाते है कि भिक्षा एक व्यवसाय बन गया है। यही नहीं भिखारियों मैं एक और प्रवृत्ति देखने को मिलती है वह हैं ऐ जरूरत के हिसाब से अपने हुलिया और धर्म तक बदल लेते हैं जहां हिंदू आबादी वहां ये देवी देवताओं या बीमारी के नाम पर तथा मुस्लिम आबादी में खुदा के नाम पर भिक्षा मांगते हैं भीख के धंधे लिफत इन लोगो के इलाके और समय तक बटे होते है। ये लोग गली मुहल्लों में महिलाओं और बच्चों को भेज कर भीख मंगवाते हैं गांव और मुहल्लो उनको उस समय भिक्षा मांगने के लिए भेजते हैं जब अधिकांश पुरुष अपने काम पर चले जाते हैं ताकि चिकनी चुपड़ी बातें करके महिलाओं को अपने छोटे बच्चे और परिवार में पति बीमार या लड़की की शादी करना आदि का बहाना बनाकर उन्हें इमोशनल करके उनसे पैसा राशन ऐंठ सके।