आधार कार्ड की तर्ज पर पशुओं का होगा टैग — मुख्य पशु चिकित्साधिकारी

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यूनिक आईडी बनने के बाद कोई भी पशु नही होगा चोरी या गुम ।

बाँदा-– यूनिक आईडी बनने के बाद कोई भी पशु चोरी या गुम होगा। अब उसका पता तुरन्त ही लग जाएगा। सरकार ने अब पशुओं का भी आधार कार्ड की तर्ज पर यूनिक आईडी बनाने का निर्णय ले लिया है। इसके तहत पशुओं के कान पर प्लास्टिक टैग लगाया जाएगा। सरकारी योजनाओं की स्कीम में शामिल पशुपालकों को प्लास्टिक टैग लगवाना अनिवार्य किया जाएगा। ताकि कोई भी डबल स्कीम का लाभ ले सकें।

आपको बताते है कि टैग लगाने से क्या फायदे होंगे। और किस तरह की परेशानियों से आपको निजात मिलेगी।

आपको बता दे कि इस स्कीम के तहत पहले भी टैग पशुओं को लगाए जाते थे। लेकिन वह केवल एक साधारण न्यूमेरिका होता था। नई प्रणाली में यह टैग स्मार्ट तरीके का होगा जो पशुओं के कान में लगाए गए प्लास्टिक कार्ड में 1 बार कोड होगा। इस बार कोड में 12 डिजिट का नंबर होगा। जिससे उसकी पहचान होगी। इसमें पशु का भी पूरा रिकॉर्ड मौजूद रहेगा। और अगर यह पशु कहीं गुम हो जाता है। या फिर चोरी हो जाता है तो मशीन द्वारा उसका बार कोड पढ़ा जाएगा। भविष्य में टीकाकरण, कृतिम गर्भाधान सहित सभी सुविधाएं केवल उन्हीं पशुओं को दी जाएगी। जिनके कान में टैग लगा होगा। साथ ही चिकित्सक ने यह भी बताया कि पशुओं के कान में लगने वाले प्लास्टिक टैग से कोई परेशानी नहीं होगी। पशुपालन यदि प्लास्टिक टैग से पशुओं से होने वाली समस्या से भ्रांति रखते हैं तो वह गलत है। बल्कि कई तरह की परेशानी से पशुपालकों को यह टैग ही बचाएगा। और इसमें सुविधाओं को खुले छोड़ने वाले पशुपालको पर भी लगाम लगा सकेगी।

पशु चोरी होने पर, टैग से पता चलेगा मालिक का नाम

पशु चोरी हो जाने पर टैग से उसके मालिक का पता चल जाएगा और चोरी गए पशुओं को उसके मालिक को सुपुर्द किया जाएगा।

पशुओं के टीकाकरण, कृतिम गर्भाधान को लेकर क्या कहते हैं मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, डॉ आई एन सिंह।

सरकार द्वारा राष्ट्रीय कार्यक्रम के अंतर्गत सभी पालतू पशुओं के लिए टैग अनिवार्य कर दिया गया है। आने वाले समय में टीकाकरण, कृतिम गर्भाधान आदि सुविधाएं केवल उन्हीं पशुओं को दी जाएगी। जिनके कान में टैग लगा होगा। ताकि पशुओं तक सेवाएं सही तरीके से पहुंच सके इसके लिए इस कार्ड की विशेष प्रणाली शुरू की गई है।

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