आख़िर ये विद्यालय क्यों बन गया अभिवावकों के लिए मसीहा

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रायबरेली

एल.के.जी. से कक्षा आठ तक के बच्चों को प्रवेश में मिलेगी राहत

राइजिंग चाइल्ड स्कूल, रायबरेली प्रबंध तंत्र ने स्वेच्छा से निर्णय लिया है,कि कोरोना महामारी के कारण सत्र (2020-21) में एलकेजी से क्लास 8 तक प्रवेश लेने वाले बच्चों से इस सत्र एडमिशन फीस नहीं ली जाएगी।
जी हां जहां समूचा विश्व कोरोना वायरस से जंग लड़ रहा है। वही कई स्कूलों के प्रबंध तंत्र भी कुछ महीने की फीस माफ करने की सोच रहे हैं, वही रायबरेली जनपद के अग्रणी विद्यालय ने सबसे छोटी क्लास से लेकर कक्षा 8 तक की प्रवेश शुल्क पूरी तरह से माफ करने का ऐलान किया है। जिससे स्थानीय स्तर पर अभिभावकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है। जहां तक सवाल फीस का है उन्होंने बताया कि विद्यालय कभी भी बढ़-चढ़कर फीस नहीं लेते। पर प्राइवेट होने के कारण इसी से प्राइवेट टीचरों की मानदेय देने की व्यवस्था की जाती है। इसी को ध्यान में रखते हुए एडवोकेट अरविंद श्रीवास्तव ने यह पहल की।

जो अन्य स्कूलों के लिए एक मिसाल बनेगा। जहां तक देखा जाए तो अन्य कई विद्यालयों ने इस पहल की प्रशंसा की है और अपना भी विचार बना रहे हैं कि इसी क्रम में वह भी अपने विद्यालयों के बच्चों की फीस माफ करें। सोच की पहल में रायबरेली की जिलाधिकारी सुभ्रा सक्सेना का भी बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा है, क्योंकि कोरोना महामारी के प्रारंभ होते ही उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कई दिशा निर्देश जारी किए थे। उन्हीं में से एक यह भी था कि प्रबंधन बच्चों की फीस को या तो माफ कर दें या जबरजस्ती जमा करने के लिए दबाव ना बनाये।स्कूल की प्रधानाचार्या सीमा श्रीवास्तव ने कहा की विद्यालय परिवार सदैव अभिभावकों की समस्याओं को सुनता है और हर सम्भव निस्तारण करने का प्रयास भी करता है। उन्होंने यह भी कहा कि विद्यालय में कार्यरत शिक्षिकाओं एवं स्टाफ की सैलरी अभिभावकों से प्राप्त फीस से ही दी जाती है। उन्होंने कहा कि विद्यालय प्रबंधन का कार्य अभिभावकों और शिक्षकों के बीच सामंजस्य बनाए रखना भी है इसलिए प्रबंधन तंत्र, शिक्षिकाओं और अभिभावकों को मिलकर एक दूसरे का सहयोग बनाए रखना चाहिए।

प्रधानाचार्या सीमा श्रीवास्तव की इसी सोच पर अभिभावकों के दिल में जगह बना ली है कि मुश्किल वक्त में आर्थिक तंगी से मुश्किल दौर से गुजर रहे एक बोझ से अभिभावकों को मुक्ति मिलेगी। वहीं अभिभावक मनीष, अनिल, सूर्यभान, जगतबहादुर सिंह पूर्व अध्यापक, सर्वेश कुमार, सत्येंद्र दुबे ने भी काफी सराहना की है। और कहां कि यह कदम इस समय आर्थिक तंगी से जूझ रहे अभिभावकों के लिए बहुत ही सहयोगात्मक सिद्ध होगा और सभी ने प्रबंधन तंत्र की इस कदम की सराहना की है।

अनुज मौर्य रिपोर्ट

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