इंसानियत की मिसाल थीं श्रीमती द्रोपती देवी

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अस्थि कलश पहुंचने पर शोक में डूबा ब्लॉक सांगीपुर का पूरे भूसू मुरैनी गांव

सांगीपुर, प्रतापगढ़। 14 जून। राजपूत विकास संस्थान प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय संरक्षक विजय भान सिंह व उदय भान सिंह की लगभग 75 वर्षीया माता श्रीमती द्रोपती देवी राजपूत के आकस्मिक निधन का समाचार सुनने पर परिवारीजन व क्षेत्र के बुद्धिजीवियों मैं शोक की लहर है।

श्रीमती द्रोपती देवी राजपूत के छोटे पुत्र चंद्रभान सिंह व सुपौत्र राजेश सिंह जब गुजरात से उनके दो अस्थिकलश लेकर पैतृक गांव (पूरे भूसू) मुरैनी पहुंचे तो परिवारीजन व शुभेच्छुओं की भीड़ जमा हो गई और पूरा माहौल गमगीन व शोक में डूबा नजर आया।

संस्थान के तमाम पदाधिकारियों की उपस्थिति में एक अस्थिकलश गांव में प्रस्तावित समाधि स्थल पर रखा गया तथा दूसरा अस्थिकलश पतित पावनी मां गंगा के पवित्र स्थल संगम धाम में विसर्जन हेतु चंद्रभान सिंह,, राजेश सिंह एवं परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा प्रयागराज ले जाया गया।

वैदिक एवं सामाजिक रीति के अनुसार क्रिया कर्म के अंतर्गत उनका त्रयोदशाह संस्कार आगामी 17 जून, 2021 को पैतृक गांव में ही होना सुनिश्चित किया गया है।

शोक संवेदना प्रकट करने वालों में राजपूत विकास संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूर्यभान सिंह, महामंत्री अर्जुन सिंह एवं वरिष्ठ अधिवक्ता परशुराम उपाध्याय सुमन, विजय सिंह, शिव बहादुर सिंह प्रधान आदि रहे जिन्होंने श्रीमती द्रोपती देवी राजपूत को इंसानियत की मिसाल एवं सौभाग्यशाली महिला करार दिया।

उल्लेखनीय है कि राम ललन सिंह उर्फ लल्लू सिंह का पैतृक निवास यूपी के जनपद प्रतापगढ़ के ब्लॉक सांगीपुर क्षेत्रांतर्गत ग्राम मुरैनी (पूरे भूसू) है और वे सपरिवार विगत कई वर्षों से गुजरात में रहकर व्यवसाय करते चले आ रहे हैं।

उन्होंने कई वर्षों पूर्व गांव में देसी घी का विशाल एवं ऐतिहासिक भंडारा किया था, जिसकी चर्चा आज भी जनमानस में सुनाई पड़ती है।

रिपोर्ट – अवनीश कुमार मिश्रा

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