उत्तर मध्य रेलवे ने 1.3 लाख टन कार्बन उत्सर्जन में की कमी

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पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता के लिए काम कर रहा है एनसीआर

राकेश कुमार अग्रवाल

झांसी। उत्तर मध्य रेलवे ने पर्यावरण के अनुकूल उपायों पर अमल करते हुए गत वित्तीय वर्ष में 1.38 लाख टन CO2 उत्सर्जन में महत्वपूर्ण कमी हासिल की है। साथ ही 15.4 करोड़ लीटर पानी को
रीसाइकिल करने के साथ डीजल की खपत में 16.50 लाख लीटर की कमी और रिकार्ड 15 करोड़ यूनिट बिजली की बचत की है।

विश्व पर्यावरण दिवस पर मानसून की पहली वर्षा में, महाप्रबंधक उत्तर मध्य और उत्तर रेलवे राजीव चौधरी, अपर महाप्रबंधक उत्तर मध्य रेलवे रंजन यादव और उत्तर मध्य रेलवे के सभी प्रमुख विभागों के विभागध्यक्षों नें उत्तर मध्य रेलवे, मुख्यालय परिसर मे वृक्षारोपण किया।

इस वर्ष विश्व पर्यावरण दिवस की थीम “जैव विविधता” पर आधरित है, ताकि तेजी से विलुप्त होती प्रजातियों और प्राकृतिक दुनिया के क्षरण से निपटने के लिए कार्य किये जा सके।

विभिन्न मानवीय गतिविधियों के फलस्वरूप एक मिलियन पौधों और जानवरों की प्रजातियों पर विलुप्त होने का खतरा है । विश्व पर्यावरण दिवस हमें यह पुनः विचार करने का अवसर प्रदान करता है कि हमारे कामकाज से पर्यावरण प्रभावित हो रहा है। ये ऐसे मुद्दे हैं जिनसे विश्व को उसी प्रकार से निपटना होगा जिस प्रकर से हम कोरोनोवायरस महामारी से निपट रहे हैं।

महाप्रबंधक चौधरी के अनुसार उत्तर मध्य रेलवे पर्यावरण संबंधी मुद्दों पर हमेशा सक्रिय रहा है और पर्यावरण के अनुकूल तरीकों से इसके संचालन, रखरखाव और विकास कार्यों को जारी रखने और बढ़ाने के दौरान जैव विविधता और पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए काम कर रहा है।

वर्ष 2019-20 के दौरान 10 लाख पौधे रोपण के लक्ष्य के स्थान पर 13.5 लाख का रिकॉर्ड पौधे रोपण कर 300 लाख टन CO2 उत्सर्जन में वार्षिक कमी ।

प्रति दिन 25 लाख लीटर की स्थापित क्षमता के साथ, उत्तर मध्य रेलवे वर्ष 2019-20 में 15.4 करोड़ लीटर पानी को रीसायकल किया है। पानी के अपव्यय को रोकने के लिये 17 स्टेशनों पर जल वितरण आडिट किया गया और झांसी- बीना खंड में कुल 428 लाख लीटर क्षमता के छह पानी के तालाब खोदे गए ।

50000 लीटर पानी के रिसाइकलिंग प्लांट की स्थापना के साथ उत्तर मध्य रेलवे, मुख्यालय “जीरो डिस्चार्ज यूनिट” हासिल करने वाली पहली इकाई बन गया है। 9 वर्षा जल संचयन संयंत्रों की स्थापना कर दी गई है और उत्तर मध्य रेलवे अतिरिक्त 165 रूफटॉप वर्षा जल संरक्षण परियोजना की महत्वाकांक्षी योजना पर काम कर रहा है।

उन्होने बताया कि सौर ऊर्जा के उपयोग के क्षेत्र में, उत्तर मध्य रेलवे 11 मेगावाट क्षमता वाले सौर संयंत्र की स्थापना कर अग्रणी रेलवे बन गया है, जिसके फलस्वरूप 85.55 लाख यूनिट बिजली की वार्षिक बचत के साथ कार्बन उत्सर्जन में हर साल 8000 टन की कमी आई है। सौर ऊर्जा का उपयोग करने के अतिरिक्त, उत्तर मध्य रेलवे ने अपने 1600 कोचों, 265 कार्यालयों, 338 स्टेशनों , 02 कार्यशालाओं और 26000 रेलवे क्वार्टरों में 100% ऊर्जा कुशल एलईडी प्रकाश व्यवस्था की है, जिससे सालाना 1.5 करोड़ यूनिट बिजली की बचत और हर साल 10500 टन CO2 उत्सर्जन में की कमी हुई है।

यात्रियों और सामानों के प्रदूषण रहित परिवहन को सुनिश्चित करने के लिए वर्ष 2019-20 में चुनार-चोपन खण्ड सहित कुल 226 किलोमीटर रूट का विद्युतीकरण किया गया। इलेक्ट्रिक इंजनों के बढ़ते उपयोग से 160 लाख लीटर डीजल की बचत की जा सकती है। एचएसडी की बचत के अतिरिक्त आधुनिक इंजनों द्वारा ट्रेन ब्रेकिंग प्रक्रिया के दौरान बिजली जनरेटर के रूप में कार्य करके बिजली इंजनों द्वारा बिजली की अतिरिक्त बचत की गई। इस रिजनरेशन से वर्ष 2019-20 के दौरान 12.61 करोड़ यूनिट बिजली की बचत की और CO2 उत्सर्जन में 90000 टन की कमी की।

उत्तर मध्य रेलवे द्वारा विभिन्न ओरिजिनेटिंग ट्रेनों में प्रयोग की जा रही सभी 16 एलएचबी रेक एच.ओ.जी कम्पलायंट है, इस प्रकार से प्रकाश ऊर्जा, पंखे, एसी आदि के लिए ओएचई से सीधे विद्युत ऊर्जा का उपयोग कर इंजन के माध्यम से किया जाता है, इस प्रकार प्रतिवर्ष 75000 लीटर डीजल की बचत होती है।

Rajeev Chaudhari, GM NCR | The Reports Today
Rajeev Chaudhari, GM NCR

चौधरी के अनुसार उत्तर मध्य रेलवे के सभी 1600 यात्री डिब्बों को इकोफ्रेंडली बायो टॉयलेट्स से सुसज्जित किया गया है, 245 ट्रेनों और 19 प्रमुख स्टेशनों पर सी.टी.एस के तहत और पानी के कम उपयोग के साथ बेहतर स्वच्छता के लिए मैकेनाइज्ड सफाई की जा रही है।

24 स्टेशनों पर बायो डिग्रेडेबल और गैर-बायोडिग्रेडेबल कचरे का अलग – अलग निस्तारण किया जा रहा है, जबकि प्रयागराज जंक्शन, कानपुर, आगरा कैंट, मथुरा, झाँसी और ग्वालियर सहित 30 स्टेशन, आईएसओ 14001: 2015 इकोफ्रेंडली तरीके से सेवाएं प्रदान करने के लिए प्रमाणित हैं।
प्रयागराज और आगरा में रनिंग रूम में बायो गैस के उपयोग सालाना 120 एलपीजी सिलेंडरों की बचत हो रही है, जबकि मैकेनाइज्ड लॉन्ड्री ग्वालियर में नेचुरल गैस के उपयोग से एचएसडी का उपयोग में 345 किलो लीटर की सालाना की कमी आई है।

ई-ऑफिस को उत्तर मध्य रेलवे, मुख्यालय एवं तीनों मण्डलों प्रयागराज, झाँसी और आगरा में लागू किया गया है, ताकि कागज़ के उपयोग को काफी हद तक कम किया जा सके। विश्व पर्यावरण दिवस के पिछले वर्ष की थीम “वायु प्रदूषण” के अनुरूप, 03 वायु गुणवत्ता सूचकांक मॉनिटर प्रयागराज स्टेशन, उत्तर मध्य रेलवे मुख्यालय और आगरा डिवीजन में स्थापित किए गए हैं।

उनके अनुसार उत्तर मध्य रेलवे समग्र दृष्टिकोण के साथ वृक्षारोपण, जल संरक्षण एवं रीसायकलिंग, विद्युतीकरण, सौर ऊर्जा के उपयोग, ऊर्जा दक्षता उपायों, रीजनरेशन, एचओजी, प्रक्रिया के स्टैंडराइजेशन जैसे निरंतर प्रयास के द्वारा 1.38 लाख टन CO2 उत्सर्जन की कमी को प्राप्त किया है। एचएसडी की खपत में 16.50 लाख लीटर की बचत के साथ-साथ सालाना 15.4 करोड़ लीटर पानी की रिसाइक्लिंग कर रहा है और 90 करोड़ रुपये मूल्य की 15 करोड़ यूनिट बिजली की बचत कर रहा है।

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