जिला अस्पताल कैंपस स्थित ट्रामा सेंटर में स्क्रीनिंग करते डाक्टर और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते हुए लाइन में लगे बाहर से आए लोग
– सोमवार शाम तक तकरीबन 400 लोगों की हुई स्क्रीनिंग
बांदा। परदेश में रहकर हाड़तोड़ मेहनत करने वाले लोग कोरोना वायरस की दहशत के चलते अपने घरों को लौट रहे हैं। सोमवार को तकरीबन 1300 बाहर से आए लोग अस्पताल पहुंचे। तकरीबन 400 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। बाकी लोगों की स्क्रीनिंग का सिलसिला जारी है। इन परदेशियों को चेकअप करने के बाद गांव भेज दिया जा रहा है। इनको क्वारंटाइन रहने की हिदायत दी जा रही है, जो संभव नहीं है।
परदेश में रह रहे लोगों के लिए संबंधित गवर्नमेंट के द्वारा वाहनों का इंतजाम किया गया है। तमाम लोग तो वाहनों से आए हैं जबकि तमाम लोग पैदल चलकर शहर पहुंचे हैं। जो लोग बसों के द्वारा आए हैं उन्हें सीधे जिला अस्पताल ले जाया गया, जबकि जो लोग पैदल आए हैं वह अपने घर जाने के पूर्व अस्पताल पहुंचे। स्क्रीनिंग ड्यूटी में लगे डाक्टर और कर्मचारियों ने बताया कि सोमवार को तकरीबन 1300 बाहर से आए लोगों को जांच के लिए सोशल डिस्टेडिंग के तहत लाइन में खड़ा कराया गया। तकरीबन 400 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। बाकी की स्क्रीनिंग का सिलसिला जारी है।
जांच तो ठीक, क्वारंटाइन रखना बड़ी चुनौती
जिला अस्पताल से बाहर से आए जिन लोगों की स्क्रीनिंग करने के बाद उन्हें घर भेजा जा रहा है, उनको क्वारंटाइन रखना स्वास्थ्य विभाग के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। बाहर से आए लोग तो किसी तरह अपने घर पहुंचना चाह रहे हैं, यही उनका टारगेट है, लेकिन संबंधित व्यक्ति को किस तरह से क्वारंटाइन रखा जाएगा, यह जिम्मेदारी तो स्वास्थ्य विभाग की है। इस मामले पर सीएमओ डा. संतोा कुमार और स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारी कुछ नहीं कर रहे हैं।
वार्ड ब्वाय कर रहे दवाइयों का वितरण
वर्तमान समय में जिला अस्पताल में दवा वितरण में लगे वार्ड ब्वायों पर बिल्कुल सटीक बैठ रही हैं। अब सीएमएस का आदेश है तो स्वास्थ्य कर्मी को काम करना ही पड़ेगा, अंजाम चाहे जो हो। वर्तमान में वार्ड ब्वाय जिला अस्पताल के दवा वितरण काउंटर में तैनात रहकर दवा का वितरण कर रहा है। फार्मासिस्टों को दूसरी जगह काम पर लगाया गया है। अगर कोई गलत दवा किसी मरीज को मिल गई तो फिर अंजाम क्या होगा।
एंबुलेंस के जरिए 69 लोगों लाया गया
गांवों में कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता स्पट नजर आ रही है। दिल्ली, मुंबई, सूरत, गुजरात या फिर अन्य शहरों से अपने घर वापस आए लोगों पर ग्रामीण टकटकी लगाए बैठे हैं। परदेशी घर आया नहीं कि गांव के लोगा 108 नंबर एंबुलेंस, 112 पीआरबी और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को फोन घनघना रहे हैं। रविवार की रात तक 69 लोगों को 108 एंबुलेंस के जरिए राजकीय मेडिकल कालेज और जिला अस्पताल भिजवाया गया, वहां पर इन व्यक्तियों की जांच की गई। ईएमटी सौरभ, सुरजीत, अंशुल और चालक अभिोक, अवधेश, सुनील सिंह अपनी ड्यूटी को अंजाम दे रहे हैं।
सुधीर त्रिवेदी (वरिष्ठ पत्रकार)