रिपोर्ट- Sandeep kumar fiza
रायबरेली। रेलकोच के एल-2 अस्पताल में ऑक्सीजन न मिल पाने के कारण गुरुवार भोर एक संक्रमित महिला की तड़प-तड़पकर मौत हो गई। बार-बार गिड़गिड़ाने के बाद ऑक्सीजन लगाया गया, लेकिन कुछ ही देर में ऑक्सीजन खत्म हो गई।
मृत महिला के बेटे का आरोप है कि अस्पताल के अधीक्षक व स्टाफ से मां का ऑक्सीजन लेवल काफी गिरने के कारण ऑक्सीजन की व्यवस्था कराने के लिए गिड़गिड़िया, लेकिन किसी ने नहीं सुना। हालांकि स्वास्थ्य विभाग अपनी लापरवाही से पल्ला झाड़ रहा है। अधीक्षक डॉ. राजकिशोर तिवारी का कहना है कि महिला की हालत काफी गंभीर थी।
बीती 20 अप्रैल को सतांव क्षेत्र के आनंद मिश्र ने अपनी मां सुधा मिश्रा को कोरोना संक्रमण के बाद समस्या बढ़ने पर रेलकोच कारखाने के एल-2 अस्पताल में भर्ती कराया था।हालांकि जिस दिन महिला को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उन दिन ऑक्सीजन लेवल सामान्य 90 से 94 प्रतिशत से कुछ कम था। सीधे-धीरे ऑक्सीजन लेवल 70 प्रतिशत पर पहुंच गया।
पहले ही दिन रात में ऑक्सीजन लगाने के लिए बेटे आनंद ने सभी से गुहार लगाई, लेकिन ऑक्सीजन न होने का बहाना किया गया। यहां तक कि सीएमओ और एसीएमओ से भी गुहार का कोई असर नहीं पड़ा।
बुधवार रात महिला की हालत बहुत बिगड़ गई। गिड़गिड़ाने के बाद भी एल-2 अस्पताल का स्टाफ गंभीर नहीं हुआ। बेटे आनंद ने बताया कि काफी गिड़गिड़ाने के बाद ऑक्सीजन लगाया गया, लेकिन कुछ ही देर में ऑक्सीजन खत्म हो गई और महिला की मौत हो गई।
बेटे का आरोप है कि एल-2 अस्पताल में कोई भी सुनने वाला नहीं है। मरीज को देखने तक कोई नहीं पहुंचता है। यदि ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था होती तो मेरी मां की जान बच जाती, लेकिन सीएमओ से लेकर अधीक्षक तक ने गिड़गिड़ाने के बाद भी इलाज में सहयोग नहीं किया। आनंद ने मामले में लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्वीट कर प्रधानमंत्री से शिकायत की है। उन्होंने पीएम से एल-2 अस्पताल की व्यवस्था सुधरवाने की मांग की है।
महिला की हालत गंभीर थी। ऑक्सीजन लगाया गया था। हालांकि ऑक्सीजन की कम व्यवस्था हो पा रही है। एल-2 अस्पताल में स्टाफ की भी समस्या है। उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से मरीजों की जान बचाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। मरीजों के इलाज में लापरवाही नहीं की जा रही है। ऑक्सीजन लखनऊ से मंगवाना पड़ रहा है।
डॉ. बीरेंद्र सिंह, सीएमओ