हमीरपुर-मौदहा क्षेत्र के बड़ी आबादी वाले गाँव अरतरा शंकर की मंदिर में श्री मदभागवत कथा में
कलश यात्रा के साथ श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ हुआ। शंकर जी मंदिर से प्रारंभ होकर विभिन्न मार्गों से होती हुई श्री पूरणदास बाबा मंदिर स्थित कथा स्थल पर आकर संपन्न हुई। वृंदावन से पधारे पंडित जगदीश चंद्र ने श्रीमद् भागवत का श्रवण करते हुए धुंधकारी के प्रेतयोनि में जाने एवं गौकर्ण के प्रसंग सुनाकर श्रद्धालुओं को भाव-विभोर किया।
गुरुवार को बैंड बाजों के साथ निकाली गई कलश यात्रा में भक्तजन भजन कीर्तन नाचते गाते चल रहे थे। रास्ते में जगह-जगह श्रद्धालुओं ने कलश यात्रा पर फूलों की वर्षा भी की। शंकर जी मंदिर में कलशयात्रा का विश्राम हुआ। कथा का श्रवण करते हुए कथा व्यास पण्डित जगदीश चंद्र जी ने बताया कि ज्ञान-वैराग्य के बिना भक्ति अपूर्ण है। हिदू धर्मग्रंथों के अनुसार मनुष्य पर तीन प्रकार के पितृ, देव और ऋषि ऋण प्रमुख माने गए हैं। इनमें पितृ ऋण सर्वोपरि है। पितृ पक्ष में श्रीमद्भागवत कथा सुनने से पितृ-दोष से मुक्ति मिलती है ।
परीक्षित बने रामकृपाल द्विवेदी
दीप नारायण द्विवेदी, कुलदीप नारायण द्विवेदी, सुनील कुमार,जिलापंचायत सदस्य विपिन पाण्डे,संजय त्रिपाठी,छोटे यादव आदि भक्तों ने कथा का आनन्द लिया।
रिपोर्ट- एमडी प्रजापति