रायबरेली। डलमऊ तहसील के लेखपाल और अधिकारियों की लापरवाही का एक मामला प्रकाश में आया है। किसान को मुर्दा दिखाकर उसकी बैनामे की जमीन की लोगों ने वरासत करवा ली। किसान ने डीएम व एसपी के सामने पेश होकर जिंदा होने का सुबूत दिया है। डीएम के आदेश पर तहसीलदार डलमऊ ने मामले की जांच शुरू कर दी है। किसान ने वरासत कराने वाले आठ लोगों समेत 10 लोगों के खिलाफ कार्रवाई कराने के साथ ही वरासत को निरस्त कराने के साथ ही उसकी जमीन दिलाने की मांग की है।
लालगंज के चमनगंज निवासी बाबूलाल पुत्र रजई ने डलमऊ तहसील क्षेत्र के मधुकरपुर में करीब पौने दो बीघे जमीन का बैनामा लिया था। कुछ दिन पहले उसने इंतेखाब निकलवाया तो पता चला कि 24 अक्तूबर 2019 को उसकी जमीन ठकुराइन खेड़ा युसुफपुर लालगंज निवासी बुत्रीलाल, रामभरोसे, रामसनेही, रामकिशोर, रामदयाल, रामकिसुन, रामपाल व सुंदारा के नाम कर दी गई है।
उसे मुर्दा दिखाया गया है। पीड़ित किसान ने डीएम व एसपी को शिकायती पत्र देकर आरोप लगाया कि 20 अप्रैल 1990 को उसने डलमऊ तहसील क्षेत्र के मधुकरपुर में शिवबली से करीब पौने दो बीघा जमीन बैनामा ली थी। दाखिल खारिज होने के बाद जमीन उसके नाम भी आ गई।
आरोप है कि 24 अक्तूबर को उसको मृत दिखाकर उसकी जमीन की वरासत दूसरे गांव के लोगों के नाम कर दी गई। पीड़ित ने लेखपाल, राजस्व निरीक्षक व जमीन अपने नाम वरासत कराने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग के साथ जमीन फिर से उसके नाम कराने की मांग की। मामले में डीएम ने एसडीएम डलमऊ को जांच सौंप दी है। तहसीलदार डलमऊ प्रतीत त्रिपाठी ने मामले की जांच भी शुरू कर दी है। जांच शुरू होने के बाद हड़कंप मच गया है।
एसडीएम डलमऊ सविता यादव ने बताया कि किसान को मृतक दिखाकर जमीन की वरासत कराए गए जाने के मामले में तहसीलदार से जांच कराई जा रही है। जांच रिपोर्ट आने के बाद मामले में दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।