कोतवाली डलमऊ में पीस कमेटी की बैठक में पत्रकारों सहित जनप्रतिनिधियों को किया गया दरकिनार

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पूर्व में गांव जाकर नवरात्रि से पहले पुलिस लेती थी दुर्गा पंडालो का जायजा इस बार रिवायत में लगा ग्रहण‌
चंद चेहरों को छोड़ पीस कमेटी की बैठक में संभ्रांत जनों की गैर मौजूदगी अपमान या स्वाभिमान !

डलमऊ रायबरेली – पुलिस थानों में त्योहारों से पूर्व पीस कमेटी की बैठक इस बात का अंदेशा है कि कहीं ना कहीं पुलिस को माहौल बिगड़ने का डर सताता है गुजरे मंगलवार को कोतवाली डलमऊ की चौखट पर पीस कमेटी कि बैठक को अंजाम दिया गया और हैरत की बात यह है कि देश के चौथे स्तंभ मीडिया को कानो कान खबर नहीं होने पाई क्योंकि पूरानी रिति का खातमा करते हुए डलमऊ पुलिस का प्रेस रिलीज वाट्सअप ग्रुप भी पत्रकारो के लिए प्रतिबंधित कर दिया गया ताकि महकमे के अलावा कोई दूसरा संदेश प्रेषित न कर सके और महकमे के संचालक कोई जानकारी देने से गूरेज खाते इतना ही नहीं  डलमऊ पुलिस की नई रिवायत के वार से संभ्रांत जन और जनप्रतिनिधि भी अछूते नहीं रहे।

प्रभारी कोतवाली डलमऊ पवन सोनकर कि इस नई रिवायत का चौथे स्तंभ संग सभ्य समाज का अपमान समझा जाए या फिर कोतवाल साहब का स्वाभिमान क्योंकि पूर्व में हुई पीस कमेटी की बैठकों का इतिहास खांगाला जाए तो पृष्ठभूमि बिल्कुल अलग है तब बखूबी मीडिया की मौजूदगी और सामाजिक जनो की उपस्थिति से समन्वय एवं सामंजस का इकबाल बुलंद था परंतु नवरात्रि से पूर्व हुई मंगलवार को डलमऊ कोतवाली में पीस कमेटी की बैठक खाकी के दामन पर नजर अंदाजी के दाग ठोप रही है। और कोतवाल साहब है कि चंद जन समुदाय की मौजूदगी में बैठक आयोजित कर कामयाबी की वाह वाही लूट रहे हैं। ‌

तो दूसरी ओर शुरू हो रही नवरात्रि से  पूर्व डलमऊ पुलिस ने गांव गांव जाकर लगने वाले दुर्गा पंडाल के बारे में जानकारी लेने की जहमत नहीं उठाई जबकि यह बात जग जाहिर है कि नवरात्रि के दौरान पंडालों में विभिन्न प्रकार की अनहोनीया पूर्व में घटित हो चुकी है इसके बावजूद भी डलमऊ पुलिस के आला हुक्मरान जमीनी स्तर पर पहुंचने की जहमत ना उठाकर ज्यादातर नए नवेले नुमाइंदो की मौजूदगी में कोतवाली प्रभारी पवन सोनकर पीस कमेटी की बैठक कर महज खाना पूर्ति पद्धति को अम्लीय जामा पहनाके तस्वीरों से सुर्खियां पाने की कवायद बटोर रहे हैं डलमऊ पुलिस की इस कार्य शैली से जहां संभ्रांत जन आहत है और नवरात्रि से पूर्व ग्रामीण क्षेत्रों का जायजा न लेना किसी अनहोनी को जन्म दे सकता है।

रिपोर्ट – विमल मौर्य

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