खाता न बही, जो रावेंद्र दारोगा करें वही सही

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इनपुट – सूरज यादव

न्यूज डेस्क – कोरोना के चलते 21 दिनों का लाकडाउन पार्ट 1 पूरा हो चुका है, लाकडाउन 2.0 भी 19 दिनों के लिए लगा दिया गया है, लाकडाउन के दौरान पुलिस, स्वास्थय व अन्य विभाग के लोग कोरोना महामारी से लड़ने में अपना सर्वस्व झोंक चुके हैं, मगर कुछ पुलिसकर्मियों की वजह से महकमा शर्मसार हो रहा है, रायबरेली में भी इंदिरा नगर चौकी इंचार्ज दरोगा रावेंद्र सिंह का ऐसा ही एक कारनामा सामने आया है, रावेंद्र द्वारा लाकडाउन में एक जरूरतमंद की मदद करने के बजाय उससे रुपये ऐंठने का मामला प्रकाश में आने के बाद खाकी पर फिर से सवाल उठने लगे हैं।

चेकिंग में बाइक की सीज

दरअसल लाकडाउन बढ़ाने के बाद पुलिस हरकत में आई और दिन में शहर कोतवाली क्षेत्र के हांथी पार्क तिराहे पर शहर कोतवाली के इंदिरा नगर चौकी इंचार्ज दरोगा रावेंद्र सिंह ने चेकिंग अभियान चला दिया, इस दौरान पुलिस ने दो युवकों को रोक लिया, बाइक पर बैठे स्वराज नगर निवासी इमरान ने दरोगा को बताया कि उसको काफी दिनों से पथरी की शिकायत है जिसका इलाज लगातार व जिला अस्पताल में करवा रहा है पर दर्द ज्यादा होने के कारण डॉक्टरों ने उसे लखनऊ रेफर कर दिया है। उसने दरोगा को रेफर के कागज अल्ट्रासाउंड के पेपर और जिला प्रशासन से लखनऊ जाने की अनुमति देने का प्रार्थना पत्र भी दिखाया, लेकिन दरोगा जी को अपने आगे कहां सुनना था और उन्होंने अपनी संवेदनहीनता का परिचय देते हुए उनकी बाइक् यूपी 33 एएक्स 2917 को सीज कर दिया और बाइक सीज के पेपर पकड़ा कर चलता कर दिया।

पुुलिस का खेल, सीजिंग हुई फेल

इसके बाद बीमार इमरान ने पुलिस से मिन्नतें की हाथ पाव जोड़े, पर पुलिस का दिल नही पसीजा जिसके बाद उसने अपने किसी करीबी से दरोगा जी से बात करवाई और तब शुरू हुआ पुलिस का असली खेल, जिसके लिए पुलिस हमेशा से बदनाम रही है, दरोगा जी ने प्रस्ताव रखा की 5 हज़ार रुपए दो तो गाड़ी रिलीज कर देंगे काफी मोलभाव के बाद पुलिस 3 हज़ार रुपये में तैयार हुई रुपए मिलने के बाद दरोगा जी ने सीजिंग के पेपर इमरान से लेकर फाड़ दिए साथी एक प्रति पेपर की जो दरोगा जी के पास थी उसे भी फाड़ दिया। हैरान करने वाली बात यह है की पैसे लेकर सीज गाड़ी तो दरोगा जी ने छोड़ दी लेकिन पैसे की कोई भी रसीद पीड़ित को नहीं दी साथ ही सीज गाड़ी के कागज फाड़ देना भी किसी के गले नहीं उतर रहा है और इसमें अवैध वसूली की स्पष्ट बू आ रही है, अब देखना यह है कि जिले में ईमानदार एसपी के रूप में छवि बनाने वाले पुलिस अधीक्षक मामले में दरोगा रावेंद्र सिंह पर क्या कार्यवाही करते हैं!

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