गली-मोहल्लों में नहीं दिख रहा लॉकडाउन का असर

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– पुलिस व प्रशासन मेन रोडों पर कस रहे नकेल, मोहल्लों के अन्दर नही है नजर

– गली-मोहल्लों के अन्दर की दुकाने भी खुली, बेंचा जा रहा मंहगा सामान

– मोहल्लों के अन्दर दिन भर होती है चहलकदमी, बिना काम के टाइमपास कर रहे लोग

बांदा। प्रधानमंत्री द्वारा 21 दिनो का लाकडाउन किये जाने के बाद पुलिस व प्रशासन लाक डाउन का पालन कराने के लिये पूरी तरह से मुश्तैद है। चैकी और थानों में लोगों को रोंककर बाहर निकलने का कारण पूंछा जा रहा है। सही कारण सामने न आने पर उनको चेतावनी भी दी जा रही है। जिससे मेन रोडों में लाकडाउन का असर कुछ देखने को मिल रहा है लेकिन गली और मोहल्लों में लाक डाउन का कोई असर नही दिख रहा है। मोहल्ले के कुछ ही लोग है जो अपने घर के दरवाजे बंद कर अपने घरों के अन्दर कैद है और बाहर किसी जरूरी काम से ही निकल रहे है। लेकिन बहुतायत संख्या में लोग लाकडाउन के कारण कोई काम न होने के चलते टाइम पास के लिये मित्र मंडली के साथ बैठ रहे है। पुलिस प्रशासन की गली और मोहल्लों में नजर न होने से लोग अपने साथ दूसरों का भी जीवन खतरे में डालने पर आमादा है।
मालुम हो कि बीते 25 मार्च से कोरोना वायरस के मद्देनजर आम जनता के इससे बचाने के लिये देश के प्रधानमंत्री द्वारा आगामी 21 दिनो तक लाक डाउन किये जाने का फैसला लिया गया था। प्रधानमंत्री के सम्बोधन के बाद 25 मार्च से 14 अप्रैल तक का लाकडाउन घोाित किया जा चुका है। जिसका पालन कराने के लिये पुलिस व प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से कार्यवाही की जा रही है। घर से बाहर निकलने वाले लोगों को कोरोना वायरस की जानकारी देते हुये घरों में रहने की सलाह दी जा रही है। जरूरी काम को छोड़कर बाहर न निकलने की चेतावनी भी दी जा रही है। इसके बाद भी गली और मोहल्लों में लोगों द्वारा लाक डाउन का उल्लंघन किया जा रहा है। गली और मोहल्लों में रहने वाले लोग अपनी मित्र मंडली के साथ बैठकर कर बड़ी बडी डींगे हांक रहे है। यह हाल शहर के सभी मोहल्लों का है। लाक डाउन का असर उन मोहल्लों में ज्यादा देखने को मिल रहा है जो मुहल्ले मेन रोड से जुड़े हुये है। वहां पुलिस प्रशासन द्वारा प्रतिदिन निगेहबानी की जा रही है। बाहर निकलने वाले लोगों से इसका कारण भी पूंछा जा रहा है। सही कारण न बताने वालों पर टाइट किया जा रहा है। लेकिन जो मोहल्ले मेन रोड से अन्दर बसे हुये हुये है वहां के लोग सुबह और शाम बडी संख्या में घरों से बाहर बैठे मिल जाते है। जानकारों का कहना है कि सम्बंधित चैकी और थानों की पुलिस द्वारा अपने अपने क्षेत्र के मोहल्लों का भ्रमण कर लोगों को सचेत किया जाये। साथ मोहल्लों में खुली दुकानों को भी बंद कराया जाये। जिससे प्रधानमंत्री द्वारा छेड़ी गई कोरोना वायरस के खिलाफ जंग को जीता जा सके और अन्य देशों की अपेक्षा यहां महामारी का प्रकोप कम हो।

प्रशासन का दावा फेल, मंहगे दामों में बिक रही सब्जियां

आगामी 14 अप्रैल तक 21 दिनो की बंदी के बाद भी सब्जी व फलों की बिक्री पर कोई रोंक नही लगाई गई है। इस दौरान सब्जी व फलों के बाहर से आने वाले वाहनों को भी नही रोका जा रहा है। सब्जी का व्यापार पहले की तरह की अपने रास्ते पर चल रहा है, लेकिन मौके का फायदा उठाकर दुकानदार सब्जी को मंहगे दामों में बेंच रहे है। वहीं प्रशासन द्वारा गली और मोहल्ले में सब्जी पहुंचाने का दावा किया जा रहा है, लेकिन बहुत से मोहल्ले ऐसे भी है, जहां सब्जी के ठेले तो दूर राशन सामाग्री तक नही पहुंच रही है। जिसका कारण है कि सब्जी और राशन लेने के लिये लोग घरों से बाहर निकल रहे है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि जमाखोरी करने वाले बडे दुकानदारों का नकेल कसी जाये तो व्यवस्था पटरी पर आ सकती है। अन्यथा व्यवस्था आगामी कुछ दिनो में ज्यादा बिगड़ सकती है। आम जनता ने जिला प्रशासन से मांग की है कि सब्जी के दामों में बढोत्तरी को देखते हुये सब्जी बिक्रेताओं पर अंकुश लगाया जाये और लोगों को आसानी के साथ सब्जी व अन्य सामाग्री मुहैय्या हो, इसकी व्यवस्था की जाये। जिससे आम जनता को बंदी के कारण समस्या का सामना नही करना पड़े।

बंदी के बाद भी बिक रहा गुटखा

कोरोना वायरस के कारण प्रदेश सरकार द्वारा लाकडाउन के दौरान गुटखा बनाने व बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया है। इसके बाद भी किराना और जनरल स्टोरों में धडल्ले से गुटखा बेंचा जा रहा है। यह बात दिगर है कि पिछले दिनो की अपेक्षा गुटखा की कीमतों में इजाफा हो गया है। लेकिन गुटखा बंद नही हुआ है। इससे प्रदेश सरकार द्वारा जारी किये गये निर्देशा का खुला उल्लंघन हो रहा है। बहुत से किराना दुकानदार जरूरी सामाग्री की आड़ में गुटखा बेंच रहे है। धडल्ले से गुटखा बिकने से यह आशंका जरूरी व्यक्त की जा रही है कि चोरी छिपे कम्पनियां गुटखा का निर्माण कर रही है और उसे डीलरों के यहां सप्लाई भी किया जा रहा है। यहीं कारण है कि गुटखा बनाने के प्रतिबंध के बाद भी बाजार में गुटखा दिखाई दे रहा है।

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