गांवों में बने हुए पंचायत भवन बने शोपीस विकास की योजनाओं के संचालन में हो रही मनमानी

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डलमऊ रायबरेली – गांव में बने हुए पंचायत भवन एवं मिनी सचिवालय शोपीस बने हुए हैं वहां पर तैनात पंचायत सहायक केवल बैठकर अपना समय पास करते हैं विकास के योजनाओं के संचालन के साथ ही भुगतान भी ब्लॉक में बैठे हुए कर्मचारी मनमानी तरीके से कर रहे हैं शासन के निर्देश पर गांव में कराए जाने वाले विकास कार्यों का भुगतान पंचायत भवन से किया जाना है वहां पर कंप्यूटर सीसीटीवी कैमरे सहित सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए बजट दिया गया था जिस पर भारी भरकम बजट खर्च करके गांव में कंप्यूटर व सीसीटीवी कैमरे लगाए गए लोगों को आस जगी कि अब काम के लिए ब्लॉक नहीं दौड़ना पड़ेगा लेकिन कहानी इसके कुछ विपरीत है ज्यादातर ग्राम पंचायत में पंचायत भवन में ताले लटकते रहते हैं पंचायत सचिव गांव नहीं पहुंचते पंचायत सहायक की तैनाती तो कर दी गई लेकिन वह भी केवल मानदेय लेने के लिए है भुगतान का सारा जिम्मा ब्लॉक में बैठे हुए कर्मचारियों के भरोसे चल रहा है सूत्रों की माने तो भुगतान के लिए पंचायत भवन से कंप्यूटर का सीपीयू चोरी छिपे ब्लॉक ले जाकर वहां से भुगतान किया जाता है रायपुर टप्पा हवेली पंचायत भवन में ताला लटकता रहता है कंप्यूटर खरीदा तो गया लेकिन वहां पर मौजूद नहीं है सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हुए हैं सीपीयू ब्लॉक पहुंचा कर वहां से भुगतान किया जाता है सलेमपुर पंचायत भवन में पंचायत सहायक की तैनाती तो है लेकिन वहां पर कंप्यूटर खरीदने के बाद भी वहां पर नहीं रखा जाता है कूड़ा चक शगुनपुर में एक वर्ष पूर्व चोरी हुई थी वहां पर कंप्यूटर व सीसीटीवी कैमरे चोरी हो गए दोबारा वहां पर न कैमरे लगे और न ही वहां का भुगतान ब्लॉक से होता है यही हाल लगभग सभी ग्राम पंचायतों का है भुगतान का जिम्मा ब्लॉक में बैठे हुए कर्मचारियों के पास है इस संबंध में खंड विकास अधिकारी सत्यदेव यादव से बात करने का प्रयास किया गया तो फोन रिसीव नहीं हुआ।

चंदे के पैसे से जगमग होगी साहब की दीपावली।

दीपावली का त्यौहार आने वाला है ऐसे में सब की दीपावली भी जगमग होनी है जिसके लिए बाकायदा सभी ग्राम पंचायत से चंदे का रेट तय कर दिया गया है बुधवार को ब्लॉक परिसर में काफी चर्चा का विषय भी बना रहा आए हुए पंचायत सचिव व ग्राम प्रधान साहब को चंदे की व्यवस्था करने में मजबूर रहे दीपावली का त्योहार आते ही कर्मचारियों में सब के चंदे की चिंता सताने लगती है यह कोई नया मामला नहीं है प्रतिवर्ष ब्लॉक स्तर पर बैठे हुए साहब के लिए चंदे की व्यवस्था की जाती है जिसके लिए प्रत्येक ग्राम पंचायत के सचिव व ग्राम प्रधान को निर्देश प्राप्त हो जाता है और वह क्यों ना हो क्योंकि प्रतिमाह विकास के नाम पर आने वाले धन का बंदर बांट होता रहता है नाम न छापने की शर्त पर कुछ पंचायत सचिव व ग्राम प्रधानों ने बताया कि सब से निर्देश मिला है चन्दे की व्यवस्था करके जमा करना है दीपावली जैसे तैसे तो होगी भुगतान नहीं हो पा रहा है लेकिन व्यवस्था करके चंदा जमा करना होगा।

रिपोर्ट- विमल मौर्य

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